इंदौर। मुस्लिम समुदाय निकाह (निकाह व बरात में बैंडबाजे व डीजे बजाने पर निकाह नहीं कराया जाएगा। समाज की इस सराहनीय पहल का उद्देश्य ध्वनि प्रदूषण व लोगों को होने वाली परेशानी है। मुस्लिम अंजुमन कमेटी ने निकाह में देर रात तक डीजे बैंडबाजे से होने वाले शोरगुल से स्थानीय लोगों को निजात दिलवाने के लिए कमेटी ने फरमान जारी किया है। अपने समाज में होने वाले निकाह समारोह के दौरान डीजे व बैंडबाजे पर प्रतिबंध लगाया है। इस पहल पर सभी समाजजनों ने सहमति जताई है। फिर भी यदि इस फरमान का उल्लंघन किसी निकाह में किया जाएगा तो बड़वाह शहर के काजी सहित नगर के कोई भी मौलाना या काजी दूल्हे का निकाह नहीं पढ़ाएंगे।
कमेटी के सदर हाजी कुद्दुस ने बताया तीन दिन पहले 7 जून को एक बैठक के दौरान यह फरमान जारी किया है। जिसमें मुस्लिम अंजुमन कमेटी के सदर, कमेटी के पदाधिकारी, शहर काजी, कदीमी मस्जिद कमेटी, नुरानी मस्जिद कमेटी, आदर्श नगर कमेटी के पदाधिकारी सहित सभी की सहमति से तय किया गया।
उन्होंने बताया समाज की बेहतरी शहर में समाजजनों के निकाह में शबगस्त व बाने के दौरान बैंडबाजे, डीजे व नाच गाने पर रोक रहेगी। इसका नाफरमानी करने वाले शख्स के निकाह को शहर काजी बड़वाह सहित शहर के तमाम हाजरात व दीगर ओलामा निकाह नहीं पढ़ाएंगे न ही मुस्लिम अंजुमन कमेटी व शहर काजी निकाहनामा नहीं दिया जाएगा।
कमेटी के सदर हाजी कुद्दुस ने बताया नई सोच के साथ सामाजिक कुरीतियों को दूर करने, निकाह में होने वाले फिजूल खर्च रोकने व स्थानीय नागरिकों को आधी रात तक डीजे बैंडबाजे की शोरगुल से होने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी। डीजे व बैंडबाजे के उपयोग से ध्वनि प्रदूषण होता है। साथ ही आम नागरिकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से डीजे व बैंडबाजे पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इसके साथ ही शरीयत में निकाह को सादगी पूर्ण तरीके से मनाना बताया गया है। उन्होंने कहा अंजुमन कमेटी ने मुस्लिम समाज के लोगों को रात 12 बजे से पहले निकाह कराने की गुजारिश की है। निकाह में अकसर बरात पहुंचने में देरी होती है। इससे वर-वधू दोनों पक्षों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। निकाह कराने के लिए काजी को भी देर रात तक बैठना पड़ता है जो कि उचित नहीं है। समाजजनों से गुजारिश की है कि वे रात 12 बजे से पहले निकाह पढ़वाए।