समर नाइट मेले में लखनऊ की नजाकत और जयपुर की तेजी एक साथ नजर आई | GWALIOR NEWS

ग्वालियर। ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण की ओर से आयोजित किए जा रहे श्रीमंत माधवराव सिंधिया समर नाइट मेले में सैलानियों के मनोरंजन के लिए विविध प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में कत्थक नृत्य एवं तबला वादन की प्रस्तुति हुई। जहां लखनऊ घराने की तराने की नजाकत और जयपुर घराने की पारंपरिक बंदिशों की तेजी का संगम हुआ तो वहीं तबला वादन के जरिए परपंरागत कायदे की प्रस्तुति भी हुई। शास्त्रीय नृत्य, संगीत और वादन के इस शानदार आयोजन को देख और सुन सैलानी मंत्रमुग्ध हो गए। 

लखनऊ घराना -छोटी राधिका नटखट कन्हैया

विद्या शर्मा के शिष्य दिल्ली के देवेंद्र शर्मा ने पारंपरिक एक ताल में अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने एक ताल की रचना में सलामी, आमद, परन जुड़ी, जातियों की तिहरिया, परन सकीण जाति की तिहरिया और लखनऊ घराने की पारंपरिक झूला के साथ ही श्रीकृष्ण और गोपियां की गर्व दमन की मनमोहक प्रस्तुति दी। इससे अलावा राग द्वेश में तराना ..झूला झुलावत नवल किशोर ..... और छोटी राधिका नटखट कन्हैया.....के साथ कथम मार्ग की प्रस्तुति दी। 

जयपुर घराना -सुनो री सखी बाजत बाँसुरियां

राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की छात्रा संदीप तिवारी ने जयपुर घराने की पारंपरिक बंदिशो को पेश किया। उन्होंने वक्रतुण्ड महाकाय ....गणेश वंदना के साथ अपने नृत्य की शुरूआत करते हुए मध्य ताल में पंछी परन, एक सादा परन, गिनती की तिहाई के माध्यम से साँप-सीढ़ी के खेल की शानदार प्रस्तुति दी। धु्रत लय में एक तोड़ा, एक तिहाई के साथ ही तबले पर जुगलबंदी करते हुए अंत में अभिनय पक्ष में राग यमन में श्रीकृष्ण के भजन.... सुनो री सखी बाजत बाँसुरियां की प्रस्तुति से जमकर तालियां बटोरीं। इनके साथ तबले पर हितेश मिश्रा, हरमोनियम पर मनोज बमरेले और पढऩ पर आस्तिक पाठकर ने संगत की। 

तबला वादन - चलन से चक्रधार 

अखिल भारतीय सांस्कृतिक संघ के द्वारा हाल ही में यूनेस्कों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने गए शहर के तबला वादक विष्णु शर्मा ने अपनी 30 मिनट की प्रस्तुति से सैलानियों को झंकृत कर दिया। उन्होंने पेशकार से शुरूआत करते हुए परंपरागत कायदे की प्रस्तुति दी। मध्य लय में रेला के साथ ही चलन से चक्रधार में तबला वादन का समापन किया। उनके साथ रोहित चौधरी ने भी तबले पर संगत की।
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