शिक्षकों के ट्रांसफर: अतिशेष के बाद होंगे ऑनलाइन ट्रांसफर, दायरा भी बदला | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग की वर्ष 2019-20 के लिए तबादला नीति तो जारी हो गई। सामान्य प्रशासन विभाग की मंजूरी भी मिल गई लेकिन इस नीति में एक परिवर्तन हो गया है। नई ट्रांसफर पॉलिसी में अतिशेष शिक्षकाें का दायरा बदल दिया गया है। इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि पहले अतिशेष शिक्षकों का समायोजन होगा, उसके बाद ही ऑनलाइन ट्रांसफर किए जाएंगे और यह सबकुछ 31 जुलाइ से पहले किया जाना है।

अब अतिशेष के दायरे में कौन से शिक्षक आएंगे

नई ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार सेवा अवधि में सबसे कनिष्ठ शिक्षक काे अतिशेष माना जाएगा। जिला स्तर पर तबादले से पहले अतिशेष शिक्षकाें की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यह नीति राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियाें- कर्मचारियाें के तबादलाें के लिए लागू हाेगी। नीति में यह जिक्र है कि प्रदेश में राज्य, संभाग और जिला स्तर पर साल भर लगातार तबादलाें पर प्रतिबंध रहेगा। 22 जून से 31 जुलाई तक की अवधि तक ही ट्रांसफर हाेंगे। इस अवधि में प्रशासनिक आवश्यकता, एवं अन्य आधाराें पर तबादले किए जाएंगे। विशेषज्ञ रमाकांत पांडे का कहना है कि अतिशेष का दायरा बदलने से वरिष्ठ एवं अच्छे रिजल्ट देने वाले शिक्षकाें काे फायदा हाेगा। अब तक स्कूलाें में पहले से पदस्थ यानी वरिष्ठ काे अतिशेष माना जाता था।

ट्रांसफर पॉलिसी की खास बात

स्वैच्छिक स्थानांतरण, प्राइमरी और मिडिल स्कूलाें में शिक्षकाें की संख्या का निर्धारण निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 एवं इस बारे में शासन द्वारा जारी निर्देशाें व पद संरचना के अनुसार हाेगा। हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलाें के लिए व्यवस्था शासन के 27 फरवरी 2013 एवं 11 मार्च 2013 के आदेशानुसार रहेगी। इसके मुताबिक जिन स्कूलाें में विषयाें के लिहाज से तय संख्या से ज्यादा शिक्षक हाेंगे ऐसे अतिशेष शिक्षकाें काे इस नीति के अनुसार शिक्षकाें की कमी वाले अन्य स्कूलाें में पदस्थ किया जाएगा।

यह हाेगा अतिशेष का पैमाना

तीन शैक्षणिक सत्राें की औसत छात्र संख्या निकाली जाएगी। उसी के आधार पर स्कूल में  शिक्षक को अतिशेष माना जाएगा। ये शिक्षक अन्य स्कूलाें, विभाग द्वारा संचालित छात्रावासाें में खाली पदाें पर तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे। अतिशेष शिक्षकाें काे अन्य स्कूल में पदस्थ करने में सबसे जूनियर शिक्षक का सबसे पहले ट्रांसफर किया जाएगा। सबसे जूनियर से आशय संपूर्ण सेवा अवधि के आधार पर जूनियर हाेने से है। 40 फीसदी या उससे ज्यादा निशक्तता वाले ऐसे शिक्षक जिनके रिटायरमेंट में एक साल से कम समय बाकी है, मानवीय आधार पर उन्हें इस दायरे से बाहर रखा जाएगा। इस स्थिति में अगले क्रम पर जूनियर का ट्रांसफर किया जाएगा।

ये रहेंगी प्राथमिकताएं

1. महिला वर्ग- स्वयं या परिवार के सदस्य पति, पत्नी या बच्चे कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, किडनी ट्रांसप्लांट, ओपन हार्ट सर्जरी, एंजियाेप्लास्टी या लकवा ग्रस्त। सरकारी नाैकरी में पति के कार्यस्थान पर तबादला
2. पुरुष वर्ग- यही पैमाना जाे महिला वर्ग के लिए
3. महिला वर्ग- निशक्त काेटे के तहत नियुक्त
4. पुरुष वर्ग- निशक्त काेटे के तहत नियुक्ति
5. महिला वर्ग- विधवा, तलाकशुदा  अथवा परित्यक्ता
6. महिला वर्ग-पुरुष वर्ग- एक से अधिक आवेदक हाेने पर वरिष्ठता मानी जाएगी

अतिशेष की पदस्थापना पहले करें...

अध्यापक संगठनाें के जितेंद्र शाक्य, उपेंद्र काैशल, सुभाष सक्सेना ने कहा कि नीति बेहतर है, लेकिन इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरी क्षेत्रों में अधिकांश स्कूलों में अतिशेष शिक्षक ज्यादा हैं। इनकी पदस्थापना की जाए, जिससे इनका समायोजन हो सके। इसके बाद ही इन शहरों में तबादले किए जाएं।

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