इंदौर। उच्च शिक्षा विभाग ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में धारा 52 लागू कर दी है। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने अपना कड़ा रुख दिखाते हुए कुप्रबंधन की जांच के दौरान शिकायतों के प्रमाणित पाते ही सख्त कार्रवाई की है। रविवार को सीईटी कराने में हुई गड़बड़ी को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन आरोपों से घिरा हुआ है। गड़बड़ी के बाद सीईटी ग्रुप डी की परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। उधर सोमवार सुबह प्रदर्शन करने आए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कुलपति से कहा था कि परीक्षा नहीं हुई तो क्या अब बच्चे फांसी लगा लें? टेस्ट में ऐसी स्थिति क्यों बनी, कंपनी पर कार्रवाई होना चाहिए। इस पर कुलपति ने कहा था कि हम कंपनी पर कार्रवाई करेंगे।
उल्लेखनीय है कि 22 विभागों के 65 कोर्स के लिए रविवार को दो चरणों में परीक्षा होनी थी। देशभर के 24 शहरों के 50 केंद्रों पर परीक्षा के लिए 17 हजार 760 छात्रों ने आवेदन किया था। पहला चरण सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक और दूसरा चरण दोपहर 3 से शाम 5 बजे के बीच रखा गया। मगर रविवार सुबह ग्रुप ए1 में 6915 और बी2 में 976 परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे। 37 केंद्रों के कम्प्यूटर सिस्टम सर्वर से जुड़ नहीं पाए। इससे विद्यार्थियों को पेपर डाउनलोड करने में डेढ़ घंटा लगा। सुबह 11.25 पर ग्रुप ए1 की परीक्षा शुरू हो पाई।
लगभग 5-6 केंद्रों पर उस समय भी परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र छात्रों को नहीं मिल पाए। इस बीच ग्रुप बी2 का प्रश्नपत्र सर्वर से डाउनलोड नहीं हुआ। दोपहर 12 बजे विश्वविद्यालय प्रशासन ने ग्रुप बी2 की परीक्षा रद्द कर दी। दूसरा चरण दोपहर 3 से शाम 5 बजे के बीच हुआ। इसमें ग्रुप ए2 में 3016 और बी1 में 6569 छात्र शामिल हुए। सुबह से बिगड़ी परीक्षा व्यवस्था दोपहर तक प्रभावित रही। निर्धारित समय से 30 मिनट देरी से परीक्षा शुरू हुई। इसमें भी कुछ सेंटर पर परीक्षा नहीं हो सकी।