
करोंद निवासी रवि सोनी, कामता प्रसाद गौर समेत अन्य नवीबाग में तैयार हो रहे बीडीए आवास योजना के तहत मकान लेने थे। वर्ष 2014 में पंचवटी कॉलोनी निवासी भानू प्रताप सिंह ने अपना भांजा बताकर उनकी मुलाकात गोविंद राजपूत से करवाई। पुलिस के मुताबिक उन्हें बताया गया कि गोविंद बीडीए का अफसर है। करीब पांच लाख कीमत के मकान को उन्होंने 1.80 लाख में दिलवा देने का भरोसा दिलाया। इसके एवज में सभी से 60-60 हजार रुपए नकद मांगे गए थे। बाकी राशि बैंक से लोन करवाने का भरोसा दिया गया।
झांसे में आए नौ लोगों ने जालसाजों को 60-60 हजार रुपए दे दिए। आरोपियों ने कहा कि अगस्त 2015 में मकान का पजेशन मिल जाएगा। इसके लिए आरोपियों ने बीडीए की बताकर उन्हें कुछ रसीदें भी दी थीं। पजेशन नहीं मिला तो सभी बीडीए दफ्तर पहुंचे। यहां पता चला कि रसीदें फर्जी हैं। धोखाधड़ी का अहसास होने पर उन्होंने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की। पुलिस ने लंबी जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।