भोपाल। फुल टैंक लेवल यानी 1666.80 फीट होने पर बड़े तालाब में 3600 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) पानी जमा होता है जो 36 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) के बराबर होता है।
यह 36 अरब लीटर होता है। इसमें से 5 अरब लीटर पानी डेड स्टोरेज में होता है। यानी 1652 फीट तक सप्लाई होने पर 31 एमसीएम (31 अरब लीटर) सप्लाई होता है। रोज फालतू बह रहे 20 एमजीडी यानी 9 करोड़ लीटर पानी के हिसाब से सालभर में 32 अरब 85 करोड़ लीटर पानी सड़कों पर बह जाता है। निगम आम व्यक्ति को 14.30 रुपए प्रति एक हजार लीटर की दर से पानी सप्लाई करता है। इस हिसाब से साल में यह राशि 46.97 करोड़ होती है।
यह 36 अरब लीटर होता है। इसमें से 5 अरब लीटर पानी डेड स्टोरेज में होता है। यानी 1652 फीट तक सप्लाई होने पर 31 एमसीएम (31 अरब लीटर) सप्लाई होता है। रोज फालतू बह रहे 20 एमजीडी यानी 9 करोड़ लीटर पानी के हिसाब से सालभर में 32 अरब 85 करोड़ लीटर पानी सड़कों पर बह जाता है। निगम आम व्यक्ति को 14.30 रुपए प्रति एक हजार लीटर की दर से पानी सप्लाई करता है। इस हिसाब से साल में यह राशि 46.97 करोड़ होती है।
लीकेज में ही सालाना 32.85 अरब लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। शहर के अधिकतर इलाके जलसंकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में निगम इन 350 से ज्यादा छोटे-बड़े लीकेज ही दुरुस्त कर ले तो बड़ी राहत मिल सकती है। 07 दिन में से तीन दिन ही मंगलवारा, छावनी, इब्राहिमपुरा, चौक, तलैया, श्यामला हिल्स और बाणगंगा क्षेत्र में हो रहा है पानी सप्लाई।