भोपाल। नई रेत नीति में ग्राम पंचायत और नगरीय निकायों को निर्माण कार्यों के लिए बगैर रॉयल्टी रेत खनन की इजाजत दी गई है। बशर्ते, निर्माण कार्य ठेकेदार से नहीं कराया जा रहा हो। सरकार ने नई रेत नीति घोषित कर दी है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
मध्यप्रदेश की नई रेत नीति 2019 के तहत पुल, पुलिया, पुरातत्व महत्व के भवनों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए ऐसे स्थानों से 50 से 200 मीटर दूरी पर ही खदानें स्वीकृत करने का नियम है। कांग्रेस सरकार ने पिछली भाजपा सरकार की रेत नीति को बदल दिया है। इससे पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार के खजाने में करीब ढाई सौ करोड़ रुपए कम आए।
अब कलेक्टर खदानों का चयन करेंगे, पंचायत और नगरीय निकायों से सहमति लेकर घोषित करेंगे। पंचायत और निकायों को 15 दिन का समय दिया जाएगा। यदि इस अवधि में सहमति नहीं मिलती है तो भी कलेक्टर खदानें घोषित कर सकेंगे। खदानों के समूह बनाए जाएंगे और उनकी ई-नीलामी की जाएगी।