SE GAJANAND PATIDAR: 27 प्लॉट, 1 मार्केट, 1.25kg गोल्ड और हाथ खर्च के लिए 35 लाख रुपए मिले | INDORE NEWS

इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण -आईडीए (INDORE DEVELOPMENT AUTHORITY - IDA) के उपयंत्री गजानंद पाटीदार (SUB ENGINEER GAJANAND PATIDAR) के यहां हुई लोकायुक्त कार्रवाई (LOKAYUKT RAID) का पूरा विवरण अभी प्राप्त नहीं हुआ है परंतु शनिवार शाम तक लोकायुक्त अधिकारियों को कुल 27 प्लॉट, 1 मार्केट, सवा किलोग्राम गोल्ड, 15 बैंक अकाउंट, 7 किलो चांदी और 2 कारें मिलीं हैं। सब इंजीनियर गजानंद पाटीदार का घर अंदर से किसी पैलेस की तरह नजर आ रहा था। हर कमरे में एसी लगा है। एक-एक कौने में महंगी सजावट नजर आ रही है। घर में हाथ खर्च के लिए 35 लाख रुपए रखे मिले।

लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि उपयंत्री गजानंद पाटीदार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी। प्राथमिक जांच में शिकायत सही पाई गई तो लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की। पाटीदार सुबह पांच बजे उठा और स्कीम-78 में अरण्य नगर स्थित बंगले में भजन सुन रहा था। सुबह छह बजे पत्नी ममता के साथ माॅर्निंग वाॅक के लिए बाहर आया। तभी लोकायुक्त पुलिस सामने जाकर खड़ी हो गई। उसे सर्च वारंट दिखाया तो सकपका गया। लोकायुक्त एसपी सव्यसाची सराफ के निर्देशन में पाटीदार के छह ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की। निरीक्षक विजय चौधरी को कार्रवाई की कमान सौंपी गई थी। सुबह छह बजे शुरू हुई कार्रवाई शाम सात बजे तक चलती रही। बीच-बीच में पाटीदार बोलता रहा कि जिसने भी मेरी शिकायत की उसे भगवान नहीं छोड़ेंगे। मैंने जितना भी पैसा कमाया सब ईमानदारी का है।

अंदर से कैसा दिखता है पाटीदार का घर

डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल के मुताबिक पाटीदार के बंगले के अंदर ही लाखों रुपए का इंटीरियर किया गया है। घर का ऐसा कोई कोना नहीं जिसे सजाया ना गया हो। छत से लेकर दीवार कोने तक में कुछ ना कुछ काम किया गया है। उसके घर में कुल पांच कमरे हैं, सभी में एयर कंडीशनर लगा रखे हैं।

पत्नी के नाम से फर्म बना रखी है, इसी फर्म के नाम पर करोड़ों कमाए

गजानंद ने पत्नी ममता के नाम से मान गायत्री इन्फ्रा के नाम से फर्म बना रखी थी। पाटीदार इस फर्म के नाम पर निजी तौर पर काम करता था। उसकेे घर में नक्शे, फाइल भी मिली है। आईडीए की प्रस्तावित योजना, प्लानिंग एरिया के बारे में वह काॅलोनाइजर, बिल्डर गोपनीय जानकारियां लीक करता था और फिर उनकी प्लानिंग भी वह खुद ही करता था।

IDA में सिर्फ जानकारी जुटाने के लिए आता था 

पाटीदार लूपलाइन में रहना पसंद करता था। वह आईडीए में सिर्फ दो घंटे के लिए आता था। इसी कारण कभी उसे कोई बड़ी साइट भी नहीं दी गई। आईडीए की प्लानिंग शाखा में आमद देने के बाद वह खुद के सिविल प्रोजेक्ट या भाई के प्रोजेक्ट पर ध्यान देता था। सूत्रों की मानें तो उसे कुछ साल पहले अफसरों ने समझाइश भी दी थी कि जब निजी काम अच्छा चल रहा है तो वीआरएस ले लें, लेकिन वीआरएस नहीं ले रहा था क्योंकि ऐसा किया तो आईडीए में आना जाना और प्रस्तावित योजनाएं व प्लानिंग के बार में पता नहीं चलता। वह आईडीए की प्रस्तावित याेजनाओं के बारे में बिल्डर्स को पहले ही बता देता था।

दो महीने से चल रही थी पाटीदार की रैकी 

गजानंद की गोपनीय शिकायत मिलने के बाद निरीक्षक चौधरी को सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। करीब दो महीने से पाटीदार की चल-अचल संपत्ति की जांच की जा रही थी। शिकायत सही होने पर शुक्रवार को भ्रष्टाचार निवारण मामलों के विशेेष न्यायालय से सर्च वारंट लिया गया। सोमवार को बैंक खातों की जानकारी पता चलेगी। अलग-अलग बैैंकों में 15 खाते पता चले हैं। दो बेटी, एक बेटा, पति, पत्नी के बैंक खाते हैं। इनमें कितना रुपया जमा है। इसकी जानकारी बैंकों से मांगी गई है।

सर्च के दौरान क्या क्या मिला

घर में ही 35 लाख रुपए नकद मिले हैं।
सवा किलो सोना भी अलमारियों में रखा था।
भाई रमेश पाटीदार के नाम पर 23 प्लाॅट होने के प्रमाण मिले हैं।
15 बैंक खातों की भी जानकारी मिली है।
गजानंद के खुद के तीन प्लाॅट पता चले हैं। एबी रोड, स्कीम 78 व एक अन्य प्लाॅट शामिल है।
शादीशुदा बेटी सविता के नाम पर स्कीम 78 में एक बड़ा प्लाॅट जिस पर कई दुकानदारों को किराए पर दुकानें बनाकर दी हैं।
पत्नी ममता के नाम पर एक मकान सुखलिया में।
सात किलो चांदी।
सवा किलो सोना।
दो कार। 

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