भोपाल। भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगाया। इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर इसी तरह का प्रतिबंध लगा था। प्रतिबंध के दौरान वो मंदिर गए थे। प्रज्ञा ठाकुर भी लगातार 3 दिन मंदिरों में गईं। लोगों के साथ भजन किए। अब चुनाव आयोग ने उन्हे 2 नोटिस दिए हैं। आरोप है कि प्रज्ञा ठाकुर ने प्रतिबंध के दौरान जनसंपर्क किया। शुक्रवार को जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर डॉ सुदाम पी खाडे ने नोटिस जारी कर दिया था।
प्रज्ञा ठाकुर ने नोटिस का जवाब दिया
शनिवार को प्रज्ञा ने इस नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि मंदिर जाना प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है। मैं अपनी स्वेच्छा से मंदिर गई। मैंने किसी को वहां नहीं बुलाया। कैंपेनिंग के मामले में उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई कैंपेनिंग नहीं की है।
एक नोटिस यह भी है
चुनाव आयोग की तरफ से एक और नोटिस दिया गया। जिसमें पर्चा वितरण की शिकायत की गई थी। इस नोटिस के जवाब में प्रज्ञा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई पर्चा नहीं बांटा है। लिहाजा अब इस मामले में पर्चा प्रकाशित करने वाले प्रकाशक को शनिवार को नोटिस जारी किया गया है, कि यह पर्चा किसने छपवाया। जवाब न दे पाने पर प्रकाश के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज करवाया जाएगा यदि उसने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर की ओर से छपवाया गया है तो प्रत्याशी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
नोटिस क्यों जारी हुए
दरअसल, गुरूवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बीएल कांताराव से शिकायत हुई थी कि प्रज्ञा मंदिर-मंदिर जाकर अपनी कैंपेनिंग कर रही हैं। शिकायत में यह भी बताया गया कि प्रज्ञा ठाकुर के किसी भी मंदिर में जाने से पहले लोगों को इसकी सूचना दी गई। सोशल मीडिया पर भी सार्वजनिक सूचनाएं दी गईं। यह प्रचार का एक हिस्सा है। इस मामले में कलेक्टर भोपाल को जांच के आदेश दिए थे। इधर कलेक्टर ने नरेला और उत्तर विधानसभा क्षेत्र के एएआरओ से रिपोर्ट मांगी। पर्चा वितरित करने की शिकायत पर प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है क्योकि प्रज्ञा ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने कोई पर्चा वितरित नहीं करवाया।