BU BHOPAL: परीक्षाएं हो रहीं हैं या मजाक, ऐसा प्रबंधन तो ताले लगवा देगा | EDUCATION NEWS

भोपाल। बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (BARKATULLAH UNIVERSITY BHOPAL) इन दिनों मजाक बनकर रह गई है। परीक्षा (EXAM) जैसा महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो पा रहा है। बार-बार टाइम टेबल (TIME TABLE CHANGE) बदले जा रहे हैं। मानो परीक्षाएं नहीं पिकनिक हो, डेट बदलने से कोई अंतर नहीं आएगा। छात्र और शिक्षक कंफ्यूज हैं। लोगों का ज्यादा समय इसी बात को पता लगाने में गुजर रहा है कि फाइनल टाइम टेबल क्या है। 

बीते रोज यूनिवर्सिर्टी में कॉलेज प्राचार्यों व केंद्र प्रभारियों की एक मीटिंग आयोजित की गई। ऐजेंडा था परीक्षा संबंधी कार्य। हमीदिया कॉलेज के प्राचार्य प्रो. पीके जैन ने कहा कि सभी कॉलेज के शिक्षक परीक्षा और मूल्यांकन कार्य में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। आगे भी करेंगे, लेकिन विवि स्तर पर भी व्यवस्थाओं में सुधार लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बार-बार टाइम टेबल बदले जा रहे हैं। जिन विषयों की परीक्षा तारीख बदलकर उन्हें आगे बढ़ाया था, उनकी बार-बार तारीख बदली जा रही है। ऐसे में छात्र और शिक्षक कंफ्यूज हैं। इससे परीक्षा से पहले दूसरे विषय के पेपर खुलने की संभावना भी बनी रहती है। इसलिए कई बार टाइम टेबल का मिलान करना पड़ता है। ऐसे में छात्रों का नुकसान हो सकता है। एक भी पेपर छूटा तो साल बर्बाद हो सकता है। इसलिए विवि अंतिम बार टाइम टेबल जारी कर दे।

रिजल्ट घोषित होने से पहले कमेटी औचक जांच करेगी
इस दौरान अलग-अलग कॉलेजों के प्राचार्य व उनके प्रतिनिधियों ने विवि की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए। कुलपति प्रो. आरजे राव, रजिस्ट्रार अजीत श्रीवास्तव व डिप्टी रजिस्ट्रार यशवंत पटेल ने समस्याएं हल कराने का आश्वासन दिया। कुलपति प्रो. राव ने पूरी सावधानी से परीक्षा कराने और मूल्यांकन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कई बार जल्दबाजी में छोटी-छोटी गलतियां हो जाती हैं। इसके कारण छात्र विवि और मूल्यांकनकर्ता पर आरोप लगाते हैं। इसलिए मूल्यांकन करते समय पूरा ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि आगे से रिजल्ट घोषित करने से पहले उसे कमेटी के सामने परीक्षण के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें रेंडमली आंसरशीट सहित रिजल्ट को देखा जाएगा।

स्टूडेंट बुरा भला कहते हैं
मुलताई कॉलेज की प्राचार्य डॉ. वर्षा खुराना ने कहा कि विवि को ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेजों की समस्याएं भी सुननी चाहिए। उन्होंने बताया कि विवि की एक गलती के लिए हमको छात्रों की कई बातें सुननी पड़ती हैं। 

छात्रों से पैसे ले रहे हो तो कॉलेज को क्यों नहीं देते
एमवीएम के प्रभारी प्राचार्य प्रो. महेंद्र सिंह ने कहा कि बीयू हर काम के लिए छात्रों से पैसा ले रहा है, पर कॉलेजों को नहीं दे रहा। ऐसे में कर्मचारी ड्यूटी से इनकार करने लगते हैं। बुदनी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डीआर खंडाइत ने कहा कि विवि को छात्र संख्या के आधार पर परीक्षा केंद्र बनाना चाहिए।

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