नया अभियान: हरा भोपाल- ठंडा भोपाल | NEW CAMPAIGN GREEN BHOPAL-COOL BHOPAL

भोपाल। भोपाल नगर सहित पूरे संभाग में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कर लक्ष्य “ हरा भोपाल- ठंडा भोपाल” को पूरा किया जाएगा। अभियान को जन-जन का अभियान बनाने के लिए  आमजन की वृक्षारोपण कार्य में सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी और भोपाल में ऑन ए ट्री चैलेंज तथा गिफ्ट ए ट्री जैसे कार्यक्रम चलाए जाएंगे। सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप, आदि पर तस्वीरों को शेयर कर जागरूकता भी बढ़ाई जाएगी। हरित एक्सप्रेस के मार्फत सस्ती कीमत पर फलदार और छायादार पौधे आमजन को उपलब्ध कराए जाएंगे। कमिश्नर श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई बैठक में “हरित संभाग” अभियान के तहत 11 लाख पौधे लगाए जाने की कार्य योजना निर्धारित की गई। बैठक में सीसीएफ और नगर निगम के आयुक्त सहित कईं विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे। 

इस बीच कमिश्नर श्रीमती श्रीवास्तव ने बताया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सांइस बैंगलुरू के एक अध्ययन से पता लगा है कि भोपाल का वन आच्छादित क्षेत्र पिछले 2 दशक में 44 प्रतिशत तक कम हुआ है और अब भी सतर्क नहीं हुए तो 2030 में स्थिति भयावह होगी और भोपाल में लगभग 4 फीसदी ही वन आच्छादित क्षेत्र रह जाएगा। उन्होंने बताया कि 2011 के इन्हीं माहों से तुलना की जाए तो तापमान में तकरीबन 8 से 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है ,अध्ययन के अनुसार अप्रैल 2011 में तापमान 32.33, अप्रैल 12 में 37.9 डिग्री, 2018 में 40.6., डिग्री तथा इस वर्ष तापमान बढ़कर 42.0 डिग्री तक पहुंच गया जो काफी चिंताजनक है। अध्ययन में बताया गया है कि बिना प्लानिंग हुए शहरीकरण ने वनों के साथ ही भू- जल स्तर के अलावा अन्य प्राकृतिक जल स्त्रोतों को प्रभावित किया है। कमिश्नर ने कहा कि हरा भोपाल और ठंडा भोपाल अभियान ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ कर यानि वन आच्छादित क्षेत्र को बढ़ाकर ही इस तरह की विभीषिका से निपटा जा सकता है। 

  भोपाल के लिए यह भी अच्छी खबर है कि सिटी फारेस्ट विकसित करने के लिए जल्दी ही 25 एकड़ भूमि वाले स्थल पर भी निर्णय लिया जाएगा। बैठक में तय किया गया कि भोपाल शहर में पांच लाख पौधे रहवासियों द्वारा व्यक्तिगत या उनकी सोसायटी द्वारा लगाए जाएं और पौधे रियायती 12 रूपये प्रति पौधे की दर से उपलब्ध कराए  जाएंगे। ये पौधे नगर निगम के सभी जोन कार्यालय और रहवासियों की मांग पर हरित मोबाइल वैन द्वारा उपलब्ध कराये जायेंगे।  कमिश्नर ने आयुक्त नगर निगम से कहा है कि वे सभी जोन के अलावा अन्य स्थलों पर भी पौधे विक्रय की व्यवस्था करें।

इस काम में नगर निगम के स्वच्छता वाहन भी हरित भोपाल के प्रति आमजन में जागरूकताके लिए जिंगल्स के माध्यम से संदेश प्रसारित करेंगे। तय किया गया है कि जन्मदिन, विवाह सहित अन्य मांगलिक अवसरों पर उपहार के रूप में पौधे देने का चलन बढ़ाने के गिफ्ट ए ट्री अभियान चलाया जाएगा। 

बैठक में तय किया गया है कि नगर की सभी पहाड़ियों को हरा-भरा बनाया जाएगा जिसके तहत नगर की ईदगाह हिल्स को नगर निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी, अरेरा हिल्स, मनुआभान टैकरी और श्यामला हिल्स को सी.पी.ए, कटारा हिल्स को वन विभाग का भोपाल वृत्त तथा द्रोणांचल नेवरी पहाड़ी को बीडीए द्वारा वृक्षारोपण कर हरा भरा बनाया जाएगा। फलदार और फूलदार पौधों के अलावा नगर निगम शहर के पार्कों में एक लाख शोभायमान पौधे भी लगाएगा। 

इस दौरान कमिश्नर श्रीमती श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को निर्देश दिए हें कि वे भोपाल से ब्यावरा के 172 किलोमीटर की सड़क के दोनों ओर व्यापक वृक्षारोपण करें। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों के साथ संपूर्ण 172 किलोमीटर मार्ग का निरीक्षण करने के लिए भी निर्देश हैं। मुख्य वन रक्षक भोपाल श्री एस.के.तिवारी ने बताया कि उनके पास तैयार पौधों की कोई कमी नहीं है और विभागों द्वारा मांग होने पर उन्हें तत्काल पौधे उपलब्ध करा दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पौधों के अलावा विभिन्न प्रजातियों के  बीज भी बारिश में निर्जन पहाड़ियों पर डाले जायेंगे। आयुक्त नगर निगम ने बताया कि सभी 19 जोन में वृहद और व्यापक वृक्षारोपण के लिए स्थलों का चयन कर लिया गया है। कमिश्नर श्रीमती श्रीवास्तव ने निर्देश दिए हैं कि बड़े तालाब के किनारों पर सघन फलदार पौधों का रोपण किया जाए जिससे परंपरागत रूप से दुनियाभर से आने वाले पक्षियों का फिर बसेरा हो सके। 

कमिश्नर श्रीमती श्रीवास्तव ने वन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे नगर निगम के साथ मिलकर आमजन की जागरूकता के लिए अभी से प्रचार अभियान   चलाएं। 

प्रारंभिक रूप से तय किया गया है कि नगर निगम दो लाख, सीपीए डेढ़ लाख, बीडीए 25 हजार, सीसीएफ भोपाल वृत्त 2 लाख, एनएसएआई 60 हजार औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा 20 हजार और उद्यानिकी विभाग 40 हजार पौधों का रोपण करेंगे। उक्त के अलावा भी सड़क विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग भी अतिरिक्त रूप से वृक्षारोपण करेंगे। बैठक में रोपित किए जाने वाले पौधों की प्रजाति भी तय की गई है। ये पौधे अशोक, आंवला, कटहल, कदम्ब, करंज, कालासिरस, कुसुम, कोसियान्सामिदा, पुत्रजीवा जायफल, जामुन, दूधी नीबू, नीम, पीपल, पेल्टाफार्म, बीजा, बरगद, वांस, मोलश्री, वेलपत्र, महुआ, मीठानीम, साजा, सतपर्णी, सफेद सिरस, सागौन, सीताफल, मुनगा के होंगे।
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