भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश में कांग्रेस का स्टार प्रचारक माना जाता है। कहा जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया में एक सम्मोहन शक्ति है जो लोगों को ना केवल अपनी ओर खींच लेती है परंतु उन्हे वोटों में भी बदल देती है लेकिन सिंधिया का यह तिलस्म इस बार टूट गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद तो चुनाव हारे ही, उनके प्रभार वाले पश्चिमी उत्तरप्रदेश में कुल 22 उम्मीदवारों में से 21 की जमानत जब्त हो गई।
पिश्चमी उत्तरप्रदेश में कांग्रेस के कुल 22 प्रत्याशी थी। इनमें से मात्र सहारनपुर सीट से इमरान मसूद ही 16.81 फीसद वोट हासिल करके अपनी जमानत राशि बचाने में कामयाब हो सके हैं।देशभर में मोदी लहर के चलते कांग्रेस के कई उम्मीदवार हारे हैं, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो कांग्रेस का सफाया हो गया है। प्रदेश प्रभारी होने के नाते इस शर्मनाक हार की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी जाती है। कांग्रेस के स्टार प्रचारक और राहुल गांधी के बाद नंबर 2 होने के बावजूद वो जमानतें तक नहीं बचा पाए।
राज बब्बर और सलमान खुर्शीद की जमानतें भी जब्त हुईं
फतेहपुर सीकरी सीट से चुनाव लड़ रहे राज बब्बर महज कुछ ही वोटों की कमी की वजह से अपनी जमानत राशि को गंवा बैठे हैं। उन्हें 1.72 लाख वोट मिले थे। जमानत राशि जब्त होने से बचाने के लिए किसी भी उम्मीदवार को अनिवार्य रूप से 16.66 फीसद वोट हासिल करने होते हैं, जबकि राज बब्बर को महज 16.56 फीसद वोट हासिल हुए। वहीं, सलमान खुर्शीद को 5.51 फीसद वोट ही मिले थे।