एक आइडिया को कई एंगल से देखना सीखें: प्रो डॉ आरडी गुप्ता @ ITM UNIVERSITY

ग्वालियर। हम जो भी अपनी एक्टिविटी से सीखते हैं, वो हमें जिंदगी भर याद रहता है। इसलिए अगर आपको हमेशा के लिए कुछ जेहन में बिठाना है तो प्रोजेक्ट बनाएं, एक्सपेरीमेंट करें। किसी भी स्किल को आत्मसात करने के लिए इंवॉल्व हो। एबीसीए आपके लिए एक मौका है, जिसमें आप स्वयं की प्रतिभा को साबित कर सकते हैं। आप बाकियों से कितने डिफरेंट हैं ये आप इम्पलीमेंट करके बताएं। 

एक आइडिया को कई एंगल से देखें। आज के स्टूडेंट्स को एकेडमिक नॉलेज के साथ-साथ प्रोजेक्ट बेस्ड या लर्निंग एक्टिविटीज के माध्यम से ही ज्ञानार्जन करना चाहिए। कारण, जिस प्रकार से आज का परिदृष्य बदल रहा है, उसके अनुसार ज्यादा बेहतर कर पाने और सफल होने के लिए खुद को लगातार अपडेट करना आवश्यक है। ये कहना था आईटीएम यूनिवर्सिटी के एडवाइजर टू चांसलर प्रो डॉ आर डी गुप्ता का, जो स्टूडेंट्स की मेहनत और उनके बेहतर प्रदर्शन को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित तृतीय एक्टिविटी बेस्ड कंटीन्यूअस असेसमेंट (एबीसीए) अवाड्र्स-2019 को सम्बोधित कर रहे थे। 

स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के इस कार्यक्रम में पूरे सेमेस्टर जिन स्टूडेंट्स ने एबीसीए में बेहतरीन प्रदर्शन किया, उन्हें सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में इस बार कुल 205 अवार्ड दिए गए, जो बेस्ट पोस्टर, सेमिनार, प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग व एप्लीकेषन बेस्ड एक्टिविटीज कैटेगरी में दिए गए।  इस मौके पर यूनिवर्सिटी के डीन एकेडेमिक्स डॉ संतोष शर्मा ने कहा कि एबीसीए आईटीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट या एकेडमिक एक्सीलेंस प्रोजेक्ट है। स्टूडेंट्स को स्वयं के एफर्ट से थ्योरी को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के उपयोग से प्रोजेक्ट के जरिए कैसे प्रजेंट करना है, इस पर मेहनत करनी होती है। 

इससे स्टूडेंट्स की सब्जेक्ट के प्रति लर्निंग बेहतर हो जाती है।  इसके बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, बायोटेक्निकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के बेहतरीन परफार्म करने वाले स्टूडेंट्स को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर रजिस्ट्रार ओमवीर सिंह, डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डॉ रंजीत सिंह तोमर, सिविल ब्रांच के एचओडी डॉ मुकेष पांडे व अन्य उपस्थित थे। 

ये है फ्यूचर बनाने का गोल्डन टाइम

आईटीएम यूनिवर्सिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर दौलत सिंह चौहान ने स्टूडेंट्स से कहा कि वर्तमान में जैसा जॉब सिनेरियो व कॉम्पटीषन है। उसे देखते हुए स्पेषलाइजेषन अब प्राथमिकता है। टीचर आपको पढ़ा सकते हैं स्किल्स बढ़ा सकते हैं लेकिन आपके खुद के अंदर जो हुनर है उसे आपको ही बाहर निकालना है। एक्टिविटी बेस्ड कंटीन्यूअस असेसमेंट से हमने आपको एक जरिया दिया है। बिना समय गंवाए आपको अपना इंवाल्वमेंट दिखाना चाहिए। यही वो समय है, जो आपके भविष्य की बुनियाद रखेगा, इसकी महत्वता को पहचानकर अपने हुनर को सही दिषा देने में लगाएं। 

आईटीएम पहला इंस्टीट्यूट जिसमें शुरू हुआ एबीसीए 

 देष में पहली बार सिर्फ आईटीएम ने ही यह एक्टिविटी बेस्ड कंटीन्यूअस असेसमेंट (एबीसीए) वर्ष 2017 से षुरू किया है, जो कंटीन्यूअस असेसमेंट के साथ ही रहेगा। ये एक ऐसा एजुकेषन सिस्टम है, जिसमें स्टूडेंट्स अपने टैलेंट को एक्टिविटीज के माध्यम से बाहर ला सकते है। इसके षुरू करने का मकसद, एक ऐसा कंटीन्यूस सिस्टम तैयार करना है जिसे स्टूडेंट्स एंज्वाय भी करें और इन्वॉल्व भी हो सकें। अपनी स्किल्स का उपयोग वो प्रैक्टिकली कर पाएं। जिसका फायदा उन्हें एकेडमिक परफार्मेस, आने वाले चैलेंजिग दौर व इंडस्ट्री डिमांड में मिल सकेगा। इसमें पोस्टर, सेमिनार, प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग व एप्लीकेषन बेस्ड एक्टिविटीज आदि शामिल रहते हैं।

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