INDORE में दुल्हन इंतजार करती रही, वडोदरा का विराज बारात नहीं लाया | MP NEWS

इंदौर। 24 तोला सोना (GOLD) हनीमून ट्रिप का पैकेज (Package honeymoon trip) और बारातियों के फ्लाइट से आने-जाने के किराए के रुपए (FLIGHT FARE) नहीं देने पर वडोदरा (Vadodara) में रहने वाला दूल्हा बारात लेकर नहीं आया। पोलोग्राउंड इलाके में रहने वाली युवती ने गुरुवार को महिला थाने में वडोदरा के डबोई में रहने वाले दूल्हे विराज जायसवाल (Viraj Jaiswal), उसके पिता गिरीश जायसवाल (Girish Jaiswal), मां चंद्रिका (Chandrika) और चाचा राजू (RAJU) के खिलाफ अपशब्द कहने व दहेज प्रताड़ना (Dowry harassment Case ) का केस दर्ज कराया है।

युवती के मुताबिक, मौसी के परिचितों के मार्फत पिछले साल विराज का रिश्ता आया था। विराज और उसके परिजन पिछले साल इंदौर में देखने आए थे। उन्होंने 18 मई 2019 की शादी तय की। उन्होंने दहेज की मांग की। पहले वडोदरा में शादी करने की बात कह रहे थे, लेकिन बाद में कहा कि बारात इंदौर ही आएगी। बारातियों की जमकर खातिरदारी करना होगी। कई स्पेशल बाराती फ्लाइट से आएंगे। उनके आने-जाने का खर्च, बस का किराया 80 हजार रुपए देना होंगे। मेरे पिता का कहना था कि सर्विस क्लास आदमी हूं। इतना खर्च नहीं कर सकता, लेकिन दूल्हे के पिता, चाचा और मां अड़े रहे। कुछ दिनों बाद उन्होंने मुझे जेवर पसंद करने के लिए वडोदरा बुलाया। 

युवती के मुताबिक, वडोदरा से मेरे लौटने के बाद विराज के पिता ने मेरे मामा को फोन कर कहा कि आपकी भानजी ने 47 तोला सोना के जेवर पसंद किए हैं। उसके आधे 24 तोला सोने के पैसे (07 लाख 81 हजार रुपए) युवती के पिता को देना होंगे। दूल्हा और दुल्हन हनीमून के लिए बाहर जाएंगे तो उनके फ्लाइट पैकेज का किराया मामा होने के नाते तुम्हें देना होगा। विराज के पिता ने दबाव बनाकर मामा से 50 हजार के टिकट भी बुक करा लिए। 

युवती ने बताया- जब मेरी मौसी का लड़का टीका लेकर वडोदरा गया था, तब भी उसे अपशब्द कहे और दहेज का पूरा सामान मांगा गया था। पिता ने उनसे फोन कर कहा- हम इतना नहीं दे सकते। आप 18 मई को बारात ले आओ। अब हमारी इज्जत का सवाल है। इधर, युवती के परिजन ने शादी की पूरी तैयारी कर ली। पत्रिका बंट गई, दुल्हन को हल्दी मेहंदी लग गई। कपड़े और जेवर आ गए, तभी 16 मई की रात 10 बजे विराज के पिता का फोन आया कि हम बारात नहीं ला रहे। दो दिन तक युवती और उसके परिजन विराज और उसके घरवालों से गुहार लगाते रहे, लेकिन वे बारात लेकर नहीं आए।

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