स्वास्थ्य बीमा योजना या हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचते समय ऐजेंट अपनी कंपनियों की खामियां नहीं बताते लेकिन जब जरूरत होती है तब वो सबकुछ पता चल जाता है जो पॉलिसी देते समय छुपाया गया था। बीमाधारक खुद को ठगा हुआ सा महसूस करता है। यदि आपके साथ भी ऐसा ही हुआ है तो चिंता की कोई बात नहीं। भविष्य में ऐसा ना हो इसलिए आप अपनी पॉलिसी पोर्ट कर सकते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस कैसे बदलें | HOW TO CHANGE HEALTH INSURANCE POLICY
Policy bazaar में हेल्थ इंश्योरेंस के बिजनेस यूनिट हेड अमित छाबड़ा ने बताया कि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बदलना अब मुमकिन है। IRDAI ने 2011 में इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने को मंजूरी दी है। यह पोर्टिंग मोबाइल नंबर, DTH की तरह ही होगी। हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करने के लिए प्रक्रिया तय है।
क्यों बदलें | WHY CHANGE HEALTH INSURANCE POLICY
बीमा पॉलिसी लेने के बाद आपको यह परखना चाहिए कि कहीं आपकी मौजूदा पॉलिसी महंगी तो नहीं। कहीं हेल्थ इंश्योरेंस में सीमित कवरेज तो नहीं डाल दिया। पॉलिसी के साथ मिले फीचर कैसे हैं। क्लेम सेटलमेंट वक्त पर होता है या नहीं। पॉलिसी पसंद नहीं तो भी उसे बदल सकते हैं।
किन प्रोडक्ट के लिए पोर्टिंग
छाबड़ा के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े सभी उत्पाद पोर्ट कर सकते हैं। व्यक्तिगत और फ्लोटर कवर भी पोर्ट कर सकते हैं। यह ध्यान रखना जरूरी है कि दो एक जैसी पॉलिसी के बीच ही पोर्टिंग हो सकती है। व्यक्तिगत कवर की पोर्टिंग व्यक्तिगत में ही होगी।
पोर्टिंग कब कर सकते हैं | WHEN YOU CAN PORT HEALTH INSURANCE POLICY
हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करने की पूरी प्रक्रिया है। इसे आप पॉलिसी रीन्यूअल के दौरान पोर्ट कर सकते हैं। कुछ इंश्योरेंस कंपनियां इसकी विशेष सुविधा देती हैं। एक्सपायरी की तारीख तक पोर्ट करने की गुंजाइश होती है।
पोर्ट करने के फायदे | BENEFIT OF HEALTH INSURANCE POLICY PORTING
छाबड़ा ने बताया कि वेटिंग पीरियड पर पोर्टिंग का फायदा मिलता है। वेटिंग पीरियड को कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं। किसी बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड 24 महीने है। अगर पिछली कंपनी के साथ 18 महीने बीत चुके हैं तो पोर्टिंग के बाद वेटिंग पीरियड 6 महीने का हो जाएगा।
नो क्लेम बोनस क्रेडिट्स | NO CLAM BONUS PORTING
बीमा कंपनी बदलते समय नो क्लेम बोनस क्रेडिट भी पोर्ट होता है। मसलन आपका पॉलिसी कवर 5 लाख रुपए का है। 2 साल आपने इंश्योरेंस क्लेम नहीं किया। तो नो क्लेम बोनस की वजह से कवर 6 लाख रुपए हो जाएगा। पोर्ट के बाद नया कवर भी 6 लाख रुपए का होगा। फिर नये सम इंश्योर्ड के हिसाब से प्रीमियम तय होगा।
ऐसे करें पोर्टिंग
पॉलिसी एक्सपायरी से पहले पोर्टिंग की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। 45-60 दिन पहले नई इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क करें और पोर्टिंग के लिए प्रपोजल फॉर्म भरें। उसमें मौजूदा पॉलिसी को लेकर सभी जानकारी देनी होगी। नई कंपनी मौजूदा कंपनी से जानकारियां वेरीफाई करेगी। जांच-पड़ताल के बाद पोर्टिंग रिजेक्ट होना भी संभव है। डिटेल मिलने के बाद 15 दिन में आपको फैसला लेना होगा।
कितने वक्त में पोर्टिंग | HEALTH INSURANCE POLICY PORTING TIME
पॉलिसी पर कोई क्लेम नहीं, पोर्टिंग पेपरलेस है। ऐसे में पॉलिसी पोर्टिंग के लिए 1-2 दिन लगेंगे। अगर आपने पॉलिसी पर पहले क्लेम लिया है या दस्तावेजों में कोई दिक्कत सामने आती है तो ऐसे में पोर्ट होने में 2-3 दिन लग सकते हैं।
मौजूदा कंपनी में ही पोर्टिंग
आप मौजूदा कंपनी में भी पॉलिसी पोर्ट कर सकते हैं। पॉलिसी से मेडिकल जरूरतें पूरी नहीं हो रही तो मौजूदा पॉलिसी अपग्रेड करने का विकल्प भी होता है। इसमें अतिरिक्त प्रीमियम भी भरना पड़ सकता है।