DSP अहिरवार ने हिमांशु की हेड कांस्टेबल मां से रिश्ता बना लिया था, इसलिए हुई हत्या: पुलिस जांच | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एसडीओपी जीएल अहिरवार की हत्या का राज खुल गया है। पुलिस ने जांच के बाद हथियार जब्त कर लिया है। हत्यारोपी हिमांशु सिंह के 3 दोस्त भी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि डीएसपी और हिमांशु की हेड कांस्टेबल मां के बीच अवैध रिश्ते थे। वारदात वाले दिन हिमांशु ने पहले अपनी मां को पीटा फिर डीएसपी की हत्या कर दी। 

प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता चला कि डीएसपी अहिरवाल और हिमांशु की मां के बीच मधुर संबंध थे। दोनों मोबाइल पर बात करने के साथ ही एक-दूसरे को मैसेज भी भेजा करते थे। बुधवार को हिमांशु ने मां के मोबाइल फोन में कुछ आपत्तिजनक मैसेज देखे थे। इसके बाद पहले उसने अपनी मां के साथ मारपीट की थी। इसके बाद अवधपुरी पहुंचकर डीएसपी की हत्या कर दी।

एसपी साउथ संपत उपाध्याय ने बताया कि ए-196,अवधपुरी निवासी डीएसपी जीएल अहिरवाल की बुधवार शाम करीब 7:30 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद आरोपित नेहरू नगर पुलिस लाइन निवासी हिमांशु प्रताप सिंह (26) अपनी बिना नंबर की सफेद रंग की नई कार से फरार हो गया था।

उसकी तलाश में तीन टीमें बनाई गई थीं। साथ ही आसपास के जिलों को भी घटना की सूचना दे दी गई थी। बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात को पुलिस ने विदिशा पुलिस की मदद से हिमांशु को गिरफ्तार कर लिया और कार जब्त कर ली। 

कट्टा ठिकाने लगाने दोस्तों को थमा दिया था
एएसपी संजय साहू ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद हिमांशु ने अपने तीन दोस्तों को मिनाल रेसीडेंसी कॉलोनी के पास फोन करके बुलाया था। उन्हें घटना की जानकारी देकर हत्या में इस्मेमाल 315 बोर का कट्टा ठिकाने लगाने को थमा दिया था।

हिमांशु से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने डिपो चौराहा के पास रहने वाले चैतन्य शर्मा (28), शक्तिनगर निवासी अनिल राजपूत (25) और सुभाष कॉलोनी निवासी सूरज यादव (20) को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर शक्तिनगर स्थित एक नाले से कट्टा भी बरामद कर लिया गया। जिस कार से हिमांशु फरार हुआ था, वह उसने 20 दिन पहले ही खरीदी थी।

अभी उसका रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं जारी हुआ है। पूछताछ में हिमांशु ने पुलिस को बताया कि जबलपुर में उसकी एक गर्ल फ्रेंड रहती है। घटना को अंजाम देने के बाद उसने फोन पर उससे बात की थी और वारदात के बारे में भी बताया था। वह विदिशा से होकर जबलपुर जाना चाहता था। इसके बाद उसकी योजना रीवा भागने की थी।

सीआईडी अफसर बनकर वसूली मामले में पकड़ा जा चुका है 
हिमांशुसिंह के खिलाफ गोविंदपुरा थाना में पूर्व में एक चाकूबाजी का केस दर्ज हो चुका है। इसके अलावा 5 वर्ष पहले हनुमानगंज पुलिस ने सीआईडी अफसर बनकर ट्रक चालकों से वसूली करने के मामले में भी हिमांशु को गिरफ्तार किया था।

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