भोपाल। उत्तरप्रदेश के हलधरपुर की प्रिंशु सिंह को हलधरपुर में इतने लोग नहीं जानते होंगे जितने मध्यप्रदेश में जानते हैं। जो लड़की कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे के हनीट्रेप मामले में गिरफ्तार हुई, जिस लड़की ने विधायक कटारे पर बलात्कार का आरोप लगाया, जिस लड़की विधायक अरविंद भदौरिया पर साजिश रचने ओर उसे बहकाने का आरोप लगाया वो प्रिंशु सिंह ही थी। ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म से एमए करने वाली प्रिंशु सिंह ने अपनी बातों को ब्रॉडकास्ट करने के लिए कई माध्यमों का उपयोग किया। 21 साल की छोटी सी जिंदगी में प्रिंशु ने काफी कुछ कर लिया था लेकिन मध्यप्रदेश में तमाम नेताओं को तनाव देने वाली प्रिंशु सिंह अपनी जिंदगी में आए तनाव से हार गई। उसके बॉयफ्रेंड ने उसे इतना तनाव दिया कि अंतत: उसी के शहर में जाकर प्रिंशु ने सुसाइड कर लिया।
नमस्ते, मेरा नाम प्रिंशु सिंह है। दो मई को ये लैटर मैं पूरे होशो-हवास में गाड़ी में बैठकर लिख रही हूं। मैं प्रयागराज कालिका प्रताप सिंह के घर जा रही हूं। जब आप ये लैटर पढ़ रहे होंगे, तब शायद मैं इस दुनिया में नहीं होऊंगी। कालिका को मैं बॉबी बुलाती हूं। अगस्त 2016 में बॉबी से मेरी पहचान फेसबुक पर हुई थी। हम दोनों एक-दूसरे को प्यार करते थे। 8-9 महीने बाद बॉबी मुझसे मिलने भोपाल आए। बॉबी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारे घरवाले क्या गिफ्ट (दहेज) देंगे। मैंने कहा 20 लाख रुपए और एक फोर व्हीलर।
मेरे पापा उनके घर रिश्ता लेकर गए, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया। उनके भैया झांसी में मकान खरीद रहे थे। उनके कहने पर बॉबी ने मुझसे 35 लाख कैश और स्विफ्ट मांगी। मेरे परिवार ने इसका विरोध किया, लेकिन मेरी जिद के आगे वे मान गए। पापा ने मथुरा जाकर उन्हें 25 लाख रुपए दे भी दिए। यहीं हमारे पहली बार संबंध बने। 15 मई को हमारी शादी है। शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। कार्ड तक बंट गए हैं।
28 अप्रैल को बॉबी कहने लगे कि मेरे पापा और अरविंद भैया इस शादी के लिए तैयार नहीं हैं। मेरा जीवन इन सबने बर्बाद कर दिया है। भगवान से गुजारिश है इन्हें इनके किए की सजा जीवनभर मिले। अरविंद प्रताप सिंह, बॉबी के चाचा जेपी सिंह, और उनके भैया विश्वनाथ प्रताप सिंह की वजह से मैं जान दे रही हूं। बॉबी ने भी ठीक नहीं किया और मुझे आत्महत्या करने जैसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। मुझे सिर्फ न्याय चाहिए। गुड बाय। -प्रिंशु सिंह।
नमस्ते, मेरा नाम प्रिंशु सिंह है। दो मई को ये लैटर मैं पूरे होशो-हवास में गाड़ी में बैठकर लिख रही हूं। मैं प्रयागराज कालिका प्रताप सिंह के घर जा रही हूं। जब आप ये लैटर पढ़ रहे होंगे, तब शायद मैं इस दुनिया में नहीं होऊंगी। कालिका को मैं बॉबी बुलाती हूं। अगस्त 2016 में बॉबी से मेरी पहचान फेसबुक पर हुई थी। हम दोनों एक-दूसरे को प्यार करते थे। 8-9 महीने बाद बॉबी मुझसे मिलने भोपाल आए। बॉबी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारे घरवाले क्या गिफ्ट (दहेज) देंगे। मैंने कहा 20 लाख रुपए और एक फोर व्हीलर।
मेरे पापा उनके घर रिश्ता लेकर गए, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया। उनके भैया झांसी में मकान खरीद रहे थे। उनके कहने पर बॉबी ने मुझसे 35 लाख कैश और स्विफ्ट मांगी। मेरे परिवार ने इसका विरोध किया, लेकिन मेरी जिद के आगे वे मान गए। पापा ने मथुरा जाकर उन्हें 25 लाख रुपए दे भी दिए। यहीं हमारे पहली बार संबंध बने। 15 मई को हमारी शादी है। शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। कार्ड तक बंट गए हैं।
28 अप्रैल को बॉबी कहने लगे कि मेरे पापा और अरविंद भैया इस शादी के लिए तैयार नहीं हैं। मेरा जीवन इन सबने बर्बाद कर दिया है। भगवान से गुजारिश है इन्हें इनके किए की सजा जीवनभर मिले। अरविंद प्रताप सिंह, बॉबी के चाचा जेपी सिंह, और उनके भैया विश्वनाथ प्रताप सिंह की वजह से मैं जान दे रही हूं। बॉबी ने भी ठीक नहीं किया और मुझे आत्महत्या करने जैसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। मुझे सिर्फ न्याय चाहिए। गुड बाय। -प्रिंशु सिंह।