भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने वो बात कही है जो दबी जुबान में गलियारों की चर्चाओं में सुर्ख हो रही थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा: मान गए कमलनाथ जी, दो अपने ही साथियों का शिकार कर दिया। बता दें कि कांग्रेस के 2 दिग्गज ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह चुनाव हार गए हैं। दिग्विजय सिंह को तो कमलनाथ ने ही भोपाल से चुनाव लड़ने बुलवाया था।
मध्यप्रदेश में 29 लोकसभा सीटों पर और 1 विधानसभा सीट पर चुनाव हुए थे। इसमें से कांग्रेस 28 सीटें हार गई। सिर्फ 2 सीटें हाथ आईं। पहली कमलनाथ की विधानसभा सीट छिंदवाड़ा और दूसरी उनके बेटे की लोकसभा सीट छिंदवाड़ा। कांग्रेस के आलोचकों को शेष परिणामों पर कोई आश्चर्य नहीं परंतु भोपाल और गुना लोकसभा सीट की अलग नजरिए से समीक्षा की जा रही है। टिकट वितरण से पहले भी यह कहा जा रहा था कि कमलनाथ दोनों दिग्गजों के साथ चाल चल रहे हैं।
बाकी सब निपट गए या निपटा दिए गए
कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट में लिखा कि, वाह रे राजनीति !!! मध्यप्रदेश में बस दो ही जीते 'पिता और पुत्र' बाकी सारे राजा, महाराजा और दरबारी निपट गए या निपटा दिए गए! इस तरह की रणनीति सिर्फ कांग्रेस में ही संभव है! मोदी के आँधी के सामने दुबका विपक्ष! वो यहीं नहीं रुके उन्होंने दिग्विजय सिंह और सिंधिया की हार के लिए भी इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा। लिखा: मान गए कमलनाथ जी दो अपने ही साथियों का शिकार कर दिया...
क्या कैलाश विजयवर्गीय की बात में दम है
दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार को एक वर्ग अलग नजरिए से देख रहा है। वो इसे कांग्रेस की गुटबाजी का नतीजा मान रहे हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि कमलनाथ ने दोनों को हराने के लिए विशेष रणनीति का उपयोग किया। कमलनाथ पर आरोप लगाने के पीछे इसके पीछे कारण भी हैं। दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया सरकारी मामलों में लगातार दखल दे रहे थे। वो मुख्यमंत्री की तरह व्यवहार कर रहे थे। हालात यह थे कि पूरे प्रदेश में कहा जाने लगा था कि यह 'ढाई मुख्यमंत्री' की सरकार है। इस शर्मनाक पराजय के बाद दिग्विजय सिंह और सिंधिया का कद कमलनाथ के सामने काफी छोटा हो जाएगा।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 23, 2019