नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की गुरुवार तक चलने वाली पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक (Monetary review meeting) शुरू हो चुकी है. बैठक से पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने एक मामले में आरबीआई (RBI) को बड़ा झटका दिया है. दरअसल, आरबीआई ने 12 फरवरी को बैंकों के लिए एक सर्कुलर (Circular) जारी किया था.
इस सर्कुलर में कहा गया था कि 180 दिनों के भीतर 2000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज वाले खातों की किस्त और ब्याज (Interest) अगर नहीं चुकाया जाता है तो उनके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट ने अब रद्द कर दिया है और इसके साथ ही कहा कि यह आरबीआई के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आरएफ नरीमन ने कहा, ‘‘हमने आरबीआई सर्कुलर को असंवैधानिक घोषित किया है.’’ बता दें कि यह मामला अलग-अलग हाई कोर्ट से होकर सुप्रीम कोर्ट की बेंच तक पहुंचा था. इन अदालतों में आरबीआई के इस सर्कुलर को चैलेंज किया गया था.
इस बीच, मंगलवार से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तीन दिनों की मौद्रिक समीक्षा बैठक शुरू हो चुकी है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास इस बैठक के फैसले का ऐलान 4 अप्रैल को करेंगे. इस फैसले में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन के लिए नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की और कटौती कर सकती है. केंद्रीय बैंक (Central bank) ने फरवरी में 18 महीने के अंतराल के बाद रेपो दर में चौथाई फीसदी की कटौती की थी.
लगातार दूसरी बार ब्याज दर में कटौती (Interest rate) से इस चुनावी सीजन में कर्ज लेने वालों को बड़ी राहत मिल सकती है.आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री तथा कार्यकारी निदेशक सुजन हाजरा ने कहा, ‘‘कमजोर वृद्धि परिदृश्य तथा मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कटौती नहीं होने का कोई कारण नहीं है. मुझे लगता है कि सवाल यह है कि क्या बैंक ब्याज दर में 0.25 फीसदी से अधिक कटौती करेगा.’’