साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के कारण मालेगांव वाली सीट पर भाजपा की ​हालत खराब | NTIONAL NEWS

नई दिल्ली। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह एवं उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस के पॉरवफुल नेता दिग्विजय सिंह के सामने मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मैदान में उतार दिया। इस फैसले से भोपाल में भाजपा को फायदा भी हुआ लेकिन महाराष्ट्र की धुले लोकसभा सीट पर इसका विपरीत प्रभाव नजर आ रहा है। इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। यहां के मुसलमान भी भाजपा को वोट देते हैं, परंतु इस बार बात बदल गई है। क्योंकि इसी सीट में मालेगांव भी आता है। पढ़िए टाइम्स न्यूज नेटवर्क की यह रिपोर्ट: 

धुले सीट पर साध्वी प्रज्ञा सिंह की उम्मीदवारी मुद्दा बन गई

मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा सीट पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाने का असर बीजेपी को महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। दरअसल, मालेगांव धमाके की आरोपी प्रज्ञा को टिकट मिलने का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। महाराष्ट्र के धुले लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले मुस्लिम बहुल मालेगांव सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में यह प्रमुख मुद्दा बन गया है। यहां तक कि वहां दूसरे चुनावी मुद्दे दब गए हैं। बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली धुले सीट पर पार्टी प्रत्याशी और मौजूदा सांसद सुभाष भामरे को कांग्रेस के उम्मीदवार कुणाल पाटिल से कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है। 

कांग्रेस को इसका सीधा फायदा मिल रहा है

इस क्षेत्र में करीब 17 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं। इनमें से ज्यादा मालेगांव सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में ही रहते हैं। बता दें कि प्रज्ञा 2008 में मालेगांव में हुए बम ब्लास्ट की आरोपी हैं जिसमें 6 लोग मारे गए थे। वह अभी जमानत पर बाहर हैं। मालेगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक आसिफ शेख रसीद ने कहा कि प्रज्ञा को टिकट देना मालेगांव में बड़ा मुद्दा बन गया है। उन्होंने कहा, 'हम यह मुद्दा उठा रहे हैं और मुझे विश्वास है कि मुस्लिम वोटर इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार का साथ देगा।' 

बागी भी भाजपा को नुक्सान पहुंचा रहे हैं

उन्होंने बताया, 'हालांकि प्रज्ञा के मुद्दे ने मुस्लिम समुदाय को एकजुट तो किया है। मुझे लगता है कि वे केवल उस उम्मीदवार को वोट देंगे, जो बीजेपी उम्मीदवार को हराने में सक्षम होगा। इस बार मालेगांव केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र में मतदान बहुत अधिक होने की उम्मीद है।' इस बार धुले सीट से 11 मुस्लिम उम्मीदवार हैं, जिसमें वंचित बहुजन अघाड़ी के नवी अहमद भी शामिल हैं। बागी बीजेपी नेता अनिल गोटे, जो निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, का मानना है कि प्रज्ञा के शहीद मुंबई पुलिस एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर दिए गए बयान से वोटिंग पर असर पड़ेगा। 

43 प्रतिशत मराठा वोटर भी साध्वी के खिलाफ

इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें हैं सिंदखेड़ा और धुले शहर बीजेपी के पास है, मालेगांव आउटर शिवसेना के पास, धुले ग्रामीण और मालेगांव सेंट्रल कांग्रेस के पास और बागलाण एनसीपी के पास है। धुले में 43 फीसदी मराठा वोटर भी यहां से सांसद चुनने में महत्वपूर्ण योगदान निभाएंगे। भामरे और पाटिल दोनों ही मराठा समुदाय से आते हैं और दोनों के बीच वोट बंटवारे से मौजूदा सांसद के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। 2014 के चुनाव में मराठाओं ने भामरे के पक्ष में वोटिंग की थी क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार अमरीशभाई पटेल महाराष्ट्रियन नहीं थे। 

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