नई दिल्ली। राजनीतिक पार्टियां वोटबैंक के लालच में आरक्षित जातियों के सामने नतमस्तक नजर आ रहीं हैं। इससे नाराज श्री राजपूत करणी सेना ने अपनी पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। श्री राजपूत करणी सेना का कहना है कि यदि वोटबैंक के सामने ही पार्टियां घुटने टेकतीं हैं तो राजपूत समाज भी यह बता देगा कि वो एक वोटबैंक है और उसकी मजबूरी नहीं है कि वो भाजपा को वोट देता रहे।
श्री राजपूत राष्ट्रीय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा, "मौजूदा लोकसभा चुनाव में करणी सेना न तो बीजेपी के साथ है और न ही कांग्रेस के साथ हैं। पद्मावती फिल्म के अलावा आनंदपाल जैसे मुद्दों पर हमने बीजेपी का विरोध किया था, लेकिन बीजेपी ने हमारी स्वर्ण आर्थिक आरक्षण जैसी बड़ी मांग मान ली थी जिसकी वजह से राजपूतों का बीजेपी से गुस्सा कम तो हुआ था, लेकिन जिस तरह से लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राजपूतों के साथ छल किया है, उसे देखते हुए हमने राजपूत उम्मीदवारों को समर्थन देने और बाकी की सीट पर इस बार घर बैठने का फैसला किया है।
गोगामेड़ी ने आगे कहा कि राजपूत कांग्रेस के साथ कभी नहीं रहे हैं। ऐसे में हम कांग्रेस के साथ नहीं जा सकते हैं, लेकिन गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में एक भी राजपूत को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। इसलिए बीजेपी के खिलाफ भी करणी सेना में नाराजगी है। अब हम नेता बनेंगे और राजपूतों का एक वोट बैंक तैयार करेंगे।
गोगामेड़ी के मुताबिक, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने इसके लिए अपनी कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी की रूपरेखा पर विचार किया जाएगा। करणी सेना को लगता है कि पद्मावती के समय जिस तरह से पूरे देश में समर्थन मिला था। उसी तरह के हालात राजनीतिक पार्टी बनाकर पैदा किया जा सकता है।
करणी सेना के नेताओं के पैसे लेकर बिक जाने के सवाल पर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि जब हम किसी अच्छे काम के लिए बीजेपी का समर्थन करते हैं तो कांग्रेस हम पर बिकने का आरोप लगाती है और अगर हम कांग्रेस का सपोर्ट करते हैं तो बीजेपी आरोप लगाती है। इसलिए भी हम अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे।
राजस्थान में हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में जाटों की एकजुटता बढ़ी है। उसी तरह से मीणा नेता के रूप में किरोड़ी लाल मीणा और गुर्जर नेता के रूप में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपनी पहचान बनाई है। राजपूतों को लगता है कि करणी सेना के बैनर तले एक राजनीतिक पार्टी बनाकर राजपूतों को इकट्ठा किया जा सकता है।