उज्जैन, शाजापुर, झाबुआ। गर्मी रिकार्ड तोड़ रही है, उससे ज्यादा चुनावी गर्मी रिकार्ड तोड़ रही है, लेकिन राहुल गांधी तो सारे ही रिकार्ड तोड़ रहे हैं। वे झूठ बोलने का रिकार्ड तोड़ रहे हैं। कांग्रेस तो खानदानी झूठेली है और झूठ बोलना उसके नेताओं का पेशा बन गया है। पहले इन्होंने देश की जनता से झूठ बोला और अब प्रदेश की जनता से झूठ बोलकर सत्ता में आ गए। इसके बाद भी इनका झूठ थमा नहीं है। ये बातें पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने उज्जैन, शाजापुर और झाबुआ में सभाओं को संबोधित करते हुए कही।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार जनता को और किसानों को गुमराह कर रही है। झूठ बोलकर सत्ता में आ गए, लेकिन अब किसानों का कर्जमाफ नहीं कर रहे हैं। राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में प्रदेश में किसानों से कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनाइए। सरकार बनने के 10 दिनों में दो लाख रूपए तक का कर्जा माफ हो जाएगा, लेकिन साढ़े तीन माह हो गए हैं और अब तक किसानों का कर्जामाफ नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार नहीं चला पा रहे हैं तो हमें कोस रहे हैं। बिजली कर्मचारियों को सस्पेंड कर रहे हैं, बिजली नहीं दे पा रहे हैं तो निर्दोष कर्मचारियों पर अत्याचार कर रहे हैं। हम कमलनाथजी को चैलेंज करते हैं कि यदि सरकार नहीं चला पा रहे हैं तो छोड़ दें कुर्सी हम चलाकर दिखाएंगे सरकार।
किसानों के लिए निर्दयी सरकार है
उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में प्रदेश में किसानों की यह दुर्दशा नहीं थी। उनके सेंटरों पर गेहूं तुलवाए जाते थे, लेकिन अब किसानों को वेयरहाउस में ले जाकर गेहूं तुलवाना पड़ रहा है। किसानों को दो-दो दिनों तक वेयरहाउस में इंतजार करना पड़ रहा है, लेकिन कांग्रेस सरकार को किसानों पर दया नहीं आ रही है। इनके मुख्यमंत्री किसानों के बीच जाना ही नहीं चाहते। यह किसानों के लिए निर्दयी सरकार है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में चलाई गई कई जनकल्याणकारी योजनाओं को कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया है। इनको गरीबों से प्रेम नहीं, बल्कि घृणा है, क्योंकि जो जनकल्याणकारी योजनाएं हमने शुरू की थीं, वे सब गरीबों के हितों की योजनाएं थीं, लेकिन कांग्रेसियों को गरीबों की योजनाएं भी रास नहीं आईं।
जब बिजली जाती है, तो मामा याद आता है
श्री चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने हमारी जनहित की योजनाएं बंद कर दीं। हम बच्चों की फीस देते थे। अब जब भांजे-भांजियां फीस भरने जाते हैं, तो मामा याद आता है। जब-जब बिजली जाती है, तब मामा याद आता है। गरीबों को लिए इलाज कराना मुश्किल हो गया है। जब-जब घर में कोई बीमार होता है, तो मामा याद आता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए भी सहायता दिए जाने का प्रावधान किया था, लेकिन इस सरकार ने गरीबों से कफन भी छीन लिया है।