भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह अपने बयानों के कारण विवादित हो गईं हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को पहले महिषासुर कहा था और अब कालनेमि बताया है। सही है या गलत ये विशेषज्ञ बहस करके तय कर लेंगे। चलिए अपन अपना ज्ञान बढ़ा लेते हैं। आइए जानते हैं 'कालनेमि' कौन था और क्यों इतिहास में उसे घृणित दर्ज किया गया।
भगवान श्रीराम की कथा 'रामायण' में लांकेश्वर रावण के मामा का नाम कालनेमि था जो एक मायावी राक्षस था। जब लंका युद्ध के समय रावण के पुत्र मेघनाद द्वारा छोड़े गए शक्तिबाण से लक्ष्मण मूर्छित हो गये तो सुषेन वैद्य ने इसका उपचार संजीवनी बूटी बताया जो कि हिमालय पर्वत पर उपलब्ध था। हनुमान ने तुरंत हिमालय के लिये प्रस्थान किया। रावण ने हनुमान को रोकने हेतु मायावी कालनेमि राक्षस को आज्ञा दी। कालनेमि ने माया की रचना की तथा हनुमान को मार्ग में रोक लिया। हनुमान को मायावी कालनेमि का कुटिल उद्देश्य ज्ञात हुआ तो उन्होने उसका वध कर दिया।
प्रज्ञा ठाकुर ने क्या कहा
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि, "दिग्विजय सिंह कालनेमि हैं, जो वक्त के हिसाब से अलग-अलग रूप धारण करते हैं, लेकिन उनका असली चेहरा और चरित्र सबके सामने है। बता दें कि लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपना अखाड़ा स्थापित कर चुकीं हैं और वो महामंडलेश्वर हैं।
भाजपा ने ट्वीटर पर वायरल किया था #कालनेमि
बता दें कि कालनेमि शब्द का उपयोग केवल प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भोपाल चुनाव में ही नहीं किया बल्कि यह भारतीय जनता पार्टी द्वारा इसी लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के लिए उपयोग किया गया था। भाजपा ने इसके लिए हैशटेग चलाया था। कांग्रेस ने भी उसी के अंदाज में इसका जवाब दिया था।