INSURANCE रकम के लिए लाशों का एक्सीडेंट कराता था यह गिरोह | FRAUD AND CRIME

नई दिल्ली। हरियाणा के सोनीपत में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो बेहद बीमार कैंसर पीड़ित मरीजों का बीमा कराता था और फिर बीमारी से मौत के बाद उनकी लाश का एक्सीडेंट कराकर बीमा रकम वसूल लेता था। 

भारती एक्सा बीमा कंपनी की फ्राड एंड इनवेटिगेशन यूनिट के एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट अमन बेदी ने पुलिस को बताया था कि कुछ लोग कैंसर के मरीजों का बीमा कराने के बाद उनकी मौत के बाद उसे हादसा दिखाकर धोखाधड़ी से क्लेम राशि ले रहे हैं। जिसकी जांच सोनीपत एसटीएफ को दी गई थी। जांच टीम ने कार्रवाई करते हुए गिरोह के सरगना पवन, मोहित व विकास को रोहतक के पास से गिरफ्तार किया। तीनों उन कैंसर पीड़ितों का पीजीआई में रिकार्ड नष्ट करने जा रहे थे जिनकी हादसे में मौत दिखा चुके थे। इसमें भारती एक्सा के साथ ही इफको टोक्यो, पीएनबी मेट लाइफ, एलआईसी, आईसीआईसीआई लाम्बर्ट, एचडीएफसी एर्गो, इडलवाइस टोक्यो, एएक्सए, केनरा, कोटक, एचएसबीसी, मैक्स लाइफ, फ्यूचर जेन, बजाज फाइनेंस, एलवाईएफ, अपोलो मुनिच व बिरला सन लाइफ आदि के साथ धोखाधड़ी का आरोप था। 

पुलिस जांच में सामने आया है कि तीनों आरोपियों के साथ ही आठ अन्य की भूमिका मामले में संदिग्ध है। जिस पर पुलिस ने लिवासपुर निवासी जोनी सरोहा, रोहट निवासी प्रदीप, गांव तिहाड़ निवासी सचिन, गांव राई निवासी राजेश, रोहतक के सेक्टर-2 निवासी पदम खर्ब, पानीपत के उग्राखेड़ी निवासी राकेश, दिल्ली के नरेला के गौतम नगर निवासी रवींद्र को भी नामजद किया है। पुलिस के मुताबिक गिरोह ने सभी सदस्यों की अलग-अलग जिम्मेदारी लगा रखी थी। इनमें कोई पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों से मिलीभगत करता था तो किसी का काम दुर्घटना दिखाने के लिए गाड़ी का इंतजाम करना था। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों की तलाश में छापेमारी करनी शुरू कर दी है। पुलिस ने गिरफ्तार तीनों आरोपियों को अदालत में पेश कर छह दिन के रिमांड पर लिया है। 

हरियाणा, दिल्ली, देहरादून और उदयपुर तक फैला जाल 
पुलिस का दावा है कि जांच में सामने आया है कि आरोपियों का नेटवर्क हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, पानीपत, झज्जर के अलावा दिल्ली के नरेला तक फैलने का पता लगा है। साथ ही जांच में देहरादून व उदयपुर तक भी तार जुड़े होने की बात सामने है। हालांकि इसका पूरा खुलासा रिमांड के दौरान किया जाएगा। 

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में खलबली, कई फंसेंगे 
गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद एसटीएफ जिस तरह से पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की संलिप्तता की बात कर रही है उससे दोनों विभागों में खलबली है। एसटीएफ के अधिकारी की माने तो कई पुलिस कर्मचारी व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है। जिनके नाम पुलिस के पास हैं, जल्द ही उनसे पूछताछ की जा सकती है। इसमें कथित हादसों के बाद पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक व कार्रवाई करने वाले पुलिस कर्मियों की भूमिका को खंगालना शुरू कर दिया है। 

मृतकों के परिजन भी रडार पर आए
एसटीएफ की जांच में मृतकों के परिजन भी पुलिस की राडार पर है। उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। जिससे उनके बारे में सबूत जुटाकर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सके। पुलिस के पास आरोपियों की बातचीत के सबूत भी हैं। जिसमें वह मृतकों के परिजनों से बातचीत कर रहे हैं। पुलिस कोड वर्ड में भी बात किए जाने की बात कह रही है। साथ ही मामले की जांच किए जाने का पता लगने पर इसे रफा-दफा कराने व डीएसपी के तबादला तक कराने की बात कह रही है। 

पीजीआई के कर्मचारी सबसे ज्यादा फंसते दिख रहे
मामले में पीजीआई के कर्मचारी एसटीएफ की जांच में सबसे अधिक फंसते नजर आ रहे हैं। कर्मियों पर कैंसर पीड़ितों की फाइल तक को नष्ट कर देने कर देने का आरोप है। इसके लिए पुलिस गिरोह के सरगना पवन से भी गहनता से पूछताछ करने की बात कह रही है। जिससे मामले से जुड़े सभी लोगों का खुलासा किया जा सके। 

साला और भांजा भी गिरोह में शामिल 
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि आरोपी पवन अपने साले की आईडी पर लिया गया मोबाइल नंबर प्रयोग करता था। साथ ही उसके गिरोह में उसका एक साला, भांजा व रिश्तेदार भी जुड़े थे। तीनों को भी मामले में नामजद किया गया है। पुलिस ने मामले में कई नंबरों की कॉल डिटेल भी निकाली है। 

आरोपी मोहित की कार का हुआ प्रयोग 
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र में इस माह दर्ज हुए हादसे के मामले में मोहित की कार का प्रयोग किया गया। मोहित को पुलिस टीम गिरफ्तार कर चुकी है। इतना ही नहीं सिविल लाइन थाना की सिक्का कालोनी चौकी क्षेत्र में नवंबर, 2018 में हुए दो हादसों के मामले भी जांच में संदिग्ध मिले हैं। जिसमें अलग-अलग हादसों में दो लोगों की मौत होने की बात कही है, लेकिन उनके साथ बैठे लोगों को चोट तक नहीं लगी। साथ ही दोनों शवों को खुद ही शव गृह में भिजवाने की बात कही गई है। 

कैंसर पीड़ितों की हत्या का शक गहराया, होगी जांच 
पुलिस को दी शिकायत में बीमा कंपनी की तरफ से कैंसर पीड़ितों की हादसा दिखाने के फेर में हत्या तक किए जाने का शक जताया गया है। जिस पर पुलिस टीम इस पहलु पर भी मामले में जांच कर रही है। 

गिरोह के सरगना समेत तीन आरोपियों को अदालत में पेश कर छह दिन के रिमांड पर लिया गया है। वहीं, गिरोह के आठ और सदस्यों के नाम एसटीएफ के पास हैं। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी को प्रयास किया जाएगा। फिलहाल पकड़े आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। 
राहुल देव, डीएसपी एसटीएफ

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!