भोपाल। इंडियन नेशनल कांग्रेस ने इंदौर लोकसभा सीट के लिए अपने अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने पंकज संघवी को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया है। भाजपा अब तक इस सीट से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई है।
इंदौर में कहा जाता है कि पंकज संघवी एक ऐसे हीरो हैं जो कांग्रेस की फिल्म को अकेले दम पर चला सकते हैं। इंदौर लोकसभा सीट कांग्रेस से 1989-90 से लगातार दूर है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि उसे पंकज संघवी वापस ला सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पंकज संघवी का मिलनसार व्यवहार और सामाजिक सेवा से इंदौर का मराठी वोट बैंक भी प्रभावित हो सकता है, जिसे सत्यनारायण पटेल या अन्य कांग्रेस नेता नहीं कर सकते।
पंकज संघवी के प्रशंसक क्या कहते हैं
पंकज संघवी जनता के बीच रहते हैं। कहा जाता है कि पंकज संघवी के बंगले से कोई भी गरीब या जरूरतमंद खाली नहीं लौटता। इसके लिए पंकज संघवी किसी व्यापारी वगैरह को भी परेशान नहीं करते, बल्कि अपने पास से ही उस जरूरतमंद की सहायता करते हैं। यानी जनता में जितना क्रेज भाजपा का है उससे कहीं अधिक क्रेज अकेले पंकज संघवी का है।इंदौर में कहा जाता है कि पंकज संघवी एक ऐसे हीरो हैं जो कांग्रेस की फिल्म को अकेले दम पर चला सकते हैं। इंदौर लोकसभा सीट कांग्रेस से 1989-90 से लगातार दूर है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि उसे पंकज संघवी वापस ला सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पंकज संघवी का मिलनसार व्यवहार और सामाजिक सेवा से इंदौर का मराठी वोट बैंक भी प्रभावित हो सकता है, जिसे सत्यनारायण पटेल या अन्य कांग्रेस नेता नहीं कर सकते।
जीतू पटवारी ने की थी टिकट की मांग
इंदौर लोकसभा सीट से जीतू पटवारी ने टिकट की मांग की थी। उन्होंने अपने बयानों में इसका कोई बार जिक्र भी किया था। जीतू पटवारी को राहुल गांधी का नजदीकी नेता माना जाता है। मध्यप्रदेश में पटवारी, सीएम कमलनाथ के भी नजदीकी नेता हैं परंतु कमलनाथ सरकार बनने के बाद से जीतू पटवारी और कमलनाथ के बीच तनाव बढ़ रहा है। पटवारी लगातार मीडिया में सुर्ख बने रहते हैं और कमलनाथ को उनकी यह आदत पसंद नहीं। पिछले दिनों तो कमलनाथ ने पटवारी को सबसे सामने डांट दिया था।
भाजपा में सुमित्रा महाजन का अपमान
यूं तो पंकज संघवी कई चुनाव हार चुके हैं और उन्हे जिताऊ नेता नहीं माना जाता। टिकट की रेस में एक बार तो उन्हे पीछे ही मान लिया गया था लेकिन इंदौर सीट सुमित्रा महाजन के अपमान के बाद कांग्रेस को उम्मीद जगी है कि इस बार इतिहास बनाया जा सकता है।