नई दिल्ली। बिहार और उत्तरप्रदेश का देशज व्यंजन सत्तू (Indigenous dishes Sattu) न सिर्फ खाने में टेस्टी होता है बल्कि आपके कई रोगों को ठीक करने के लिए वो डॉक्टर का काम भी करता है. सत्तू का सेवन करने से न सिर्फ मधुमेह (Diabetes problem) जैसे रोग ठीक हो जाते हैं बल्कि व्यक्ति को मोटापे से भी निजात (Also get rid of obesity) मिलती है. आपको सुनकर हैरानी हो सकती है कि एक सम्पूर्ण आहार के लिए जरूरी सभी तत्व सत्तू में पाए जाते हैं. सत्तू को खाने या पीने से लम्बे समय तक व्यक्ति को भूख नहीं लगती है. जो वजन कम (Lose weight) करने में व्यक्ति की मदद करता है.
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों (Ayurvedic experts) की मानें तो आधुनिक दिनचर्या में 90 प्रतिशत लोग गैस्ट्रोइंट्रोटाइटिस (Gastroenteritis) नामक रोग से पीड़ित रहते हैं. हर समय जल्दबाजी, तनाव और मिर्च-मसालों का अधिक सेवन करने से पेपटिक ग्रंथि से गैस्ट्रिक जूस का रिसाव होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होता है. सत्तू का सेवन करने से इस रिसाव को कम करने में काफी मदद मिलती है.
कैसे बनता है सत्तू / How Sattu is made
सत्तू भूने हुए जौ और चने को पीस कर बनाया जाता है. बिहार में इसे काफी पसंद किया जाता है. इसका प्रयोग कई व्यंजनों को बनाने के लिए होता है. सामान्यतः सत्तू एक चूर्ण के रूप में रहता है जिसे पानी में घोल कर पिया जाता है. जौ और चने से बना सत्तू कफ, पित्त, थकावट, भूख, प्यास और आंखों से जुड़ी बीमारी में बेहद लाभदायक होता है. डॉक्टरों तो इसे पेट के रोगों के लिए रामबाण इलाज मानते हैं.
सत्तू से मिलती है एनर्जी / Sattu meets Energy
सत्तू की तासीर ठंडी होने की वजह से गर्मियों में इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है. यह पेट को ठंडा रखने में भी मदद करता है जिसकी वजह से व्यक्ति को लू नहीं लगती है. सत्तू शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है, जिससे पेट संबंधी कई बीमारियों से बचाव होता है. चने के सत्तू में मिनरल्स, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस पाया जाता है जो आपके शरीर की थकान मिटाकर आपको इंस्टेंट एनर्जी देने का काम करता है
एनीमिया से रखें दूर सत्तू / Anemia is away from Sattu
शरीर में खून की कमी होने पर व्यक्ति एनीमिया से पीड़ित होता है.ऐसा होने पर रोजाना पानी में सत्तू मिलाकर पीने से काफी लाभ मिलता है.
डायबिटीज की समस्या / Diabetes problem
सत्तू में मौजूद बीटा-ग्लूकेन शरीर में बढ़ते ग्लूकोस के अवशोषण को कम करके ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित रखते हैं. सत्तू का सेवन रोजाना करने से मधुमेह रोगी डायबिटीज को काफी हद तक नियंत्रित कर सकता है. ध्यान रखें इस रोग से पीड़ित लोगों को चीनी वाले सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए.
सत्तू सेवन के ये होते हैं नुकसान / These are the losses of Sattu intake
चने के सत्तू का ज्यादा सेवन करने से पेट में गैस पैदा होती है. ध्यान रखें आहार में इसका ज्यादा सेवन न करें.
मधुमेह के रोगियों के लिए सत्तू एक तरफ जहां वरदान है वहीं पथरी के रोगियों को इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
चना कोढ़ के रोग में वृद्धि करता है, इसलिए कोढ़ से पीड़ित व्यक्ति को चने के सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए.
बारिश के मौसम में चने के सत्तू का सेवन करने से बचना चाहिए.
सत्तू को खाते समय ध्यान रखें बीच में पानी नहीं पीना चाहिए . इसके अलावा दिन में एक या दो बार से अधिक सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए.