भोपाल। लोकसभा निर्वाचन सफलतापूर्वक संपन्न करवाने के लिए कर्मचारियों की उपस्थिति मुख्यालय/कर्तव्य स्थल पर सुनिश्चित की गई है। यह उचित है परंतु अधूरा आदेश है। शिक्षा विभाग में शिक्षकों का ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो रहा है। यदि चुनाव आयोग उन्हे मुख्यालय/कर्तव्य स्थल पर अनिवार्य उपस्थिति का आदेश जारी करता है तो उसे चाहिए कि वो शिक्षकों को अर्जित अवकाश भी स्वीकृत करे ताकि कर्मचारियों के साथ न्याय हो।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा कि श्री राजेश कौल-संयुक्त निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश ने सभी डीएम, एसपी को आदेश "फा•क्र•लो•स•चु•-2019/स्था•/8951 भोपाल दिनांक 14 अप्रैल 2019" जारी कर लिखा है कि चुनाव कार्य में संलग्न (प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष) कर्मचारियों को मुख्यालय/कर्तव्य स्थल पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
इस आदेश के पालन में मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने संयुक्त निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश व आयुक्त लोक शिक्षण संचालन भोपाल को पत्र ई-मेल कर मांग की है कि विभागीय नियमानुसार शिक्षकों को अवकाश अवधि में मुख्यालय पर बने रहने के एवज में दिनांक 01 मई से आचार संहिता समाप्त होने तक की अवधि के लिए अर्जित अवकाश स्वीकृत के स्पष्ट निर्देश जारी किये जावे।
निर्वाचन संपन्न होने के बाद आदेश के अभाव में संबंधित डीएम, डीईओ इसका लाभ शिक्षकों को नहीं देते हैं। शिक्षक इस संबंध में परेशान होकर अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ता है।