AIIMS: लाइन का झंझट खत्म, बुकिंग और पर्चा सब ऑनलाइन बनेगा, पढ़िए कैसे मिलेगा | NATIONAL NEWS

Bhopal Samachar
शशिकांत तिवारी/भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में इलाज कराना हो तो पर्चा बनवाने के लिए कतार नहीं लगानी पड़ेगी। मरीज या परिजन एमपी ऑनलाइन के कियोस्क या फिर अन्य जगह से पर्चे का प्रिंट निकाल सकेंगे। भोपाल समेत सभी एम्स में हास्पिटल मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम (एचएमआईएस) का काम सरकारी क्षेत्र की संस्था सी-डैक करेगी। इसमें ऑनलाइन अपाइंटमेंट, पर्चा प्रिंट कराना, ऑनलाइन रिपोर्ट प्राप्त करना शामिल होगा। 

डॉक्टर्स को यह फायदा होगा कि वह मरीज की यूनिक हेल्थ आईडी डालकर पूरी जानकारी कंप्यूटर स्क्रीन पर देख सकेगा। सभी एम्स को पेपरलेस करने के लिए सी-डैक संस्था काम कर रही है। अभी एम्स में दिखाने के लिए ऑनलाइन अपाइंटमेंट तो मिल जाता है, लेकिन पर्चा एम्स में ही बनता है। इसके लिए सिर्फ एक काउंटर है, जहां मरीजों की लंबी कतार लगती है। एचएमआईएस शुरू होने के बाद मरीजों को कई सुविधाएं ऑनलाइन मिल जाएंगी। इसमें करीब छह महीने लगेंगे।

एमपी ऑनलाइन के कियोस्क या फिर एम्स के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम में तय जानकारी भरने के बाद पर्चा प्रिंट किया जा सकेगा। रजिस्ट्रेशन के लिए तय शुल्क जमा करने के लिए ऑनलाइन गेटवे बनाया जाएगा। यह पर्चा बनने के बाद अस्पताल पहुंचने पर मरीज को सिर्फ एंट्री करनी होगी, जिससे यह पता चल जाएगा कि ऑनलाइन पंजीयन कराने वाला मरीज अस्पताल में आ गया है। यह व्यवस्था लागू होने से मरीज व अस्पताल प्रबंधन दोनों को फायदा होगा। मरीजों का करीब आधे घंटे का समय बच जाएगा। अस्पताल प्रबंधन को अतिरिक्त कर्मचारियों व जगह की व्यवस्था नहीं करनी पड़ेगी।

ओपीडी काउंटर पर क्यूआर कोड रीडर लगाए जाएंगे। बाहर से पर्चा बनवाकर लाने वाले मरीजों को पर्चे पर प्रिंट क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। ऐसे में मरीज की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी। इसके बाद मरीज को ओके करना होगा। इसी दौरान उसे कमरा नंबर भी पता चल जाएगा।

वर्तमान स्थिति
ओपीडी की कुल क्षमता में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की अधिकतम सीमा : 75 फीसदी
रजिस्ट्रेशन के लिए ओपीडी काउंटर : 10
बिलिंग के लिए ओपीडी काउंटर : 2

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