नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने उत्तरप्रदेश की भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को 48 घंटे तक चुप रहने के आदेश दिए हैं। यदि वो आदेश का पालन नहीं करेंगी तो उन्हे चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। पढ़िए ऐसा क्या कह दिया था मेनका गांधी ने जो चुनाव आयोग को उन्हे चुप कराना पड़ा।
मेनका गांधी के बयान का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वो कह रही हैं, ''मैं जीत रही हूं। लोगों की मदद और प्यार से मैं जीत रही हूं लेकिन अगर मेरी जीत मुसलमानों के बिना होगी, तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा क्योंकि इतना मैं बता देती हूं कि दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए तो मैं सोचती हूं कि रहने दो, क्या फ़र्क पड़ता है। हालांकि बाद में मेनका गांधी ने अपने इस बयान पर सफ़ाई भी दी। उन्होंने कहा कि कि उनके बयान को काट-छांट कर पेश किया गया है।
मतदाताओं को धमकी और पक्षपात के ऐलान की दोषी
मेनका गांधी का बयान मतदाताओं को धमकी तो है ही, साथ ही एक जनप्रतिनिधि द्वारा पक्षपात का ऐलान भी है। यह लोकतंत्र में अपराध है। नियमानुसार किसी व्यक्ति ने जनप्रतिनिधि को वोट दिया हो या ना दिया हो, उसे गुहार लेकर आने वाले लोगों की निष्पक्ष रूप से मदद करनी चाहिए। यदि वो ऐसा नहीं करता तो कदाचरण का दोषी होता है।