सवर्ण आरक्षण: दिल्ली में आंदोलन शुरू, पढ़िए क्यों नाराज हैं सवर्ण बेरोजगार | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को दिए गए 10 फीसदी आरक्षण के पूरी तरह से लागू ना होने को लेकर कई प्रतियोगी छात्र दिल्ली जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। उनका कहना है सवर्ण आरक्षण अधूरा है और वो इसके खिलाफ संघर्ष करते रहेंगे। अनशन पर बैठे छात्र सभी सरकारी सेवाओं में आयु सीमा में छूट की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती है तो वो नोटा को वोट देंगे।

आरक्षित अभ्यर्थियों को आयु सीमा में भी छूट दो

छात्रों का कहना है कि इस वजह से वो आवेदन नहीं कर पा रहे हैं और करीब 30 करोड़ लोगों का नुकसान हो रहा है। छात्र सभी नौकरियों में ओबीसी की तरह अपर एज लिमिट छूट की मांग कर रहे हैं। यह मांग पूरी होने के बाद किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की अपर एज लिमिट में 3 साल तक का इजाफा हो सकता है।

10 प्रतिशत रिजर्वेशन का कोई मतलब ही नहीं रह गया

बता दें कि सर्विस सिलेक्शन कमीशन एसएससी में जनरल कैंडिडेट की उम्र 27 साल है, जिसे करीब 30 साल करने की मांग की जा रही है। छात्रों का कहना है कि कट ऑफ में छूट नहीं मिलने से इस तरह के रिजर्वेशन का कोई मतलब नहीं रह गया है। त्रिनेत्र सिंह राणा आयोजक एवं छात्र का कहना है, 'मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सवर्णों की नाराजगी थी लिहाजा उन्होंने नोटा दबाया हमारी मांगे नहीं मानी गई तो न केवल हम अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे रहेंगे बल्कि एक बार फिर लौटा दब आएंगे।'

परीक्षा के इंतजार में ही आवरएज हो जाते हैं

करीब 5 सालों से सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले योगेंद्र सोलंकी ने कहा, 'उम्र में छूट मिलने से गरीब सवर्ण ट्यूशन और खेती करते हुए भी प्रतियोगी परीक्षा में बैठ सकता है।' छात्रों ने कहा कि आयु में छूट का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिलेगा सरकार नौकरी के लिए आवेदन कभी 5 तो कभी 8 साल बाद निकालती है ऐसे में ज्यादातर अभ्यर्थी फॉर्म भरने के वक्त या तो अंडरेज होते हैं या फिर ओवर एज आयु छूट मिलते ही ज्यादा से ज्यादा लोग आवेदन कर पाएंगे और कोटे का पूरी तरह से लाभ उन सभी को मिलेगा।

पहला आरक्षण जिसमें किसी भी तरह की छूट नहीं

छात्रों का यह कहना है कि यह देश का ऐसा पहला आरक्षण होगा जिसमें किसी भी तरह की छूट नहीं है सिर्फ एक फायदा हुआ है कि सवर्णों की सीट पक्की हुई है। छात्रों ने कई नौकरियों का हवाला देते हुए अपनी बात रखने की कोशिश की। ये हैं छात्रों के आरोप...
- Railway Recruitment Board ने 2015 में एनटीपीसी पदों के लिए भर्ती निकाली और फिर 4 साल बाद 2019 में निकाली. इसमे भी EWS जनरल कैटेगरी को एज लिमिट में कोई छूट नहीं दी गई।
- UPSC की ओर से 896 पदों पर वैकेंसी आई, लेकिन आयु और अटेंप्ट में कोई छूट नहीं दी गई।
- फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में 2014 के बाद 2019 में नौकरी निकली और उन्हें फायदा नहीं मिला।

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