भोपाल। व्यावसायिक परीक्षा मंडल के मनमाने नियमों के चलते कई नेत्रहीन उम्मीदवार संविदा शाला शिक्षक परीक्षा से वंचित हो गए। नेशनल फेडरेशन आफ ब्लाइन्ड की मप्र शाखा भोपाल और कुछ उम्मीदवारों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर व्यापमं की मनमानियों को चुनौती दी गई है। मंगलवार को मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, व्यापमं के सचिव और केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिका में बताया गया कि व्यापमं ने नेत्रहीन को अपने सहयोगी के रूप में जो स्क्राइब लाने की सुविधा है उसके लिए कुछ मापदंड तय किए हैं। नेत्रहीन उम्मीदवार जिस स्तर की परीक्षा दे रहा है, उसका स्क्राइब उससे एक स्तर कम की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। जैसे अगर नेत्रहीन स्नातक स्तर के शिक्षक की परीक्षा देगा तो स्क्राइब 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। याचिका में दलील दी गई कि केन्द्र सरकार ने 2013 में इसके लिए जो नियम बनाए हैं, उनमें ऐसा कोई मापदंड नहीं है। इतना ही नहीं पीएससी ने असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में ऐसा कोई मापदंड तय नहीं किया और नेत्रहीन उम्मीदवार को उनकी पसंद के स्क्राइब को अनुमति प्रदान की।
इसके अलावा व्यापमं ने नेत्रहीन उम्मीदवार को परीक्षा के 10 दिन पूर्व भोपाल आकर उसके स्क्राइब की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं किया, जबकि पीएससी ने परीक्षा के कुछ समय पूर्व भी नेत्रहीन को परीक्षा में शामिल करने की अनुमति प्रदान की।