भोपाल। आपने अक्सर देखा होगा, लोग वाहनों पर अपने बच्चों के नाम लिखवा देते हैं परंतु यदि आपके बच्चों का नाम किसी नेता के नाम से मिलता जुलता है तो यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। आपका चालान काटा जाएगा और नाम मिटा दिया जाएगा। यह नियम किसी कानून की किताब से नहीं लिखा लेकिन आरटीओ इसी को आधार मानकर चालान काट रहे हैं। नीमच में ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
मंदसौर जिले के नारायणगढ़ निवासी सौरभ कोठारी की यात्री बस क्रमांक आरजे-33-पीए-0277 का चालान शोरूम चौराहे पर परिवहन विभाग के दल ने बनाया था। जब बस को रोका गया उस वक्त अधिकारियों ने बस पर हरे व केसरिया दो रंग में लिखे 'शिवराज' शब्द पर आपत्ति ली। कोठारी का कहना था कि ये नाम पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नहीं बल्कि मेरे बेटे का भी है। इसलिए उसका नाम लिखा है, कमल के फूल का चिह्न नहीं है तो ये भाजपा का मामला कैसे हुआ। किस आधार पर चालान बना रहे। परिवहन दल ने शिवराज पर शब्द होने पर राजनीतिक मामला बताकर 500 रुपए का चालान काट दिया।
बस संचालक सौरभ कोठारी का बयान
बस का बीमा, परमिट, फिटनेस से लेकर सभी तरह के दस्तावेज पूरे हैं। बस पर केसरिया व हरे रंग में मेरे बेटे शिवराज का नाम लिखा होने पर चालान की बात पर अधिकारी अड़ गए। जबकि मैं परिवार के सभी सदस्यों के नाम का शपथ-पत्र देने को तैयार था। नियमों की बात लंबी चली तो फिर 500 रुपए का चालान काटा है। कोर्ट में जाने को मैं वकील से परामर्श ले रहा हूं
एडवोकेट महेश पाटीदार का बयान
निजी बस का मालिक चुनाव चिह्न का इस्तेमाल किए बिना केवल दो रंगों से शिवराज शब्द लिखवाता है तो चालान बनाना उचित नहीं है। यह किसी भी तरह से गलत नहीं है। वैसे भी आचार संहिता का हवाला देकर कई तरह की कार्रवाई की जा रही है, जबकि कई विषय दायरे में भी नहीं आते। वाहन मालिक चाहे तो आपत्ति ले सकता है।