भोपाल। प्रदेश समेत देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्घा, योग व प्राकृतिक चिकित्सा (Ayurveda, Greek, Siddha, Yoga and Naturopathy) (आयुष) कॉलेजों (AYUSH COLLEGE) मे काम कर रहे टीचिंग स्टॉफ को संबंधित राज्य के बोर्ड में पंजीयन अनिवार्यता (Registration requirements) फिलहाल नहीं रहेगी। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने इस पर स्थगन दे दिया है। यह राहत मिलने से प्रदेश के कई आयुष कॉलेजों की मान्यता खत्म होने का संकट टल गया है।
हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 9 अगस्त 2019 को होगी। टीचिंग स्टॉफ की ओर से जिना पटनायक की तरफ से वकील के सिंघई ने अपनी बात रखी। बता दें कि सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) व आयुष मंत्रालय ने नौकरी वाले राज्य में पंजीयन अनिवार्य कर दिया था।
आयुष मेडिकल एसोसिएशन (AYUSH Medical Association) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय (Dr. Rakesh Pandey) ने जिन डॉक्टर्स ने सीसीआईएम से सेंट्रल रजिस्ट्रेशन कराया है, उसे ही देशभर में मान्य किया जाए। इस रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया जावे ताकि समय और पैसा दोनों की बचत हो सके।