HOME LOAN: अपने बैंक से SBI में ट्रांसफर कराने के फायदे | BUSINESS NEWS

नई दिल्ली। यदि आपने किसी बैंक से होम लोन ले रखा है और आपको लगता है कि उसका INTREST ज्यादा है तो आप STATE BANK OF INDIA में अपना होमलोन ट्रांसफर करा सकते हैं। इसका पहला फायदा तो यह कि आपका ब्याज कम हो जाएगा और दूसरा फायदा यह कि लोन ट्रांसफर फीस नहीं लगेगी। जी हां, SBI ने लोन ट्रांसफर फीस जीरो कर दी है। 

लोन ट्रांसफर कैसे होता है / How does a loan transfer

जिस होम लोन कंपनी या बैंक में आपने लोन ट्रांसफर कराया है, वह मूल राशि का भुगतान पहले बैंक या कंपनी को करता है। होम लोन ट्रांसफर होने के बाद आपको EMI नए बैंक या कंपनी के पास जमा करना होता है।

होम लोन को समय से पहले बंद करवाना / Home Loan get off prematurely

मौजूदा कर्ज के लिए कर्जदाता और कर्जदार, दोनों को ही फोरक्लोजर (पहले बंद करवाने) की पूरी प्रक्रिया खत्म कर लेनी चाहिए। इसके अलावा नए संस्थान बकाया मूल राशि का भुगतान कर ओरिजिनल दस्तावेज प्राप्त कर सकता है।

नए होम लोन का एग्रीमेंट / New Home Loan Agreement

नए वित्तीय संस्थान और कर्जदार के बीच नया लोन एग्रीमेंट बनता है, जिस पर दोनों को हस्ताक्षर करना अनिवार्य है और इसके बाद सभी नियम व शर्त का पालन करना जरूरी है।

लोन ट्रांसफर कौन करा सकता है / Who can make a loan transfer

अगर आपने कम-से-कम 12 मासिक किस्तों का भुगतान कर दिया है और आपकी क्रेडिट रेटिंग अच्छी है, तब आप अपने होम लोन का बैलेंस ट्रांसफर करा सकते हैं। इसके अलावा वित्तीय संस्थान भी न्यूनतम या अधिकतम राशि की सीमा निर्धारित कर सकते हैं।

लोन ट्रांसफर के लिए क्या करना होगा / What to do for a loan transfer

नए हाउसिंग लोन का आवेदन नए संस्थान के पास किया जाना चाहिए. हालांकि, कुछ कंपनियां इस सुविधा के लिए ऑनलाइन आवेदन भी स्वीकार करती हैं।

लोन ट्रांसफर के लिए कौन से डॉक्युमेंट चाहिए / Which document is needed for a loan transfer ?

होम लोन ट्रांसफर के लिए आवदेक की फोटो, बैंक खाते की डिटेल, पहचान पत्र व पते की कॉपी, आय का सबूत, आदि दस्तावेज जरूरी होते हैं।
(I) मौजूदा वित्तीय संस्थान द्वारा लिखित प्रमाण की प्रॉपर्टी उसी के पास है।
(II) मौजूदा कर्जदाता से बकाया राशि का पत्र और प्रमाण। 
(III) प्रॉपर्टी के कागजातों की एक कॉपी। 

अन्य जरूरी बातें

>> बैलेंस ट्रांसफर से पहले ट्रांसफर के खर्च का हिसाब जरूर लगा लें।
>> भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, कोई भी वित्तीय संस्थान फ्लोटिंग ब्याज दर पर किसी भी प्रकार का फोरक्लोजर चार्ज लागू नहीं कर सकता।

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