SWIGGY-ZOMATO तो माफिया गिरी करने लगीं हैं, MODI तक पहुंची शिकायत | BUSINESS NEWS

नई दिल्ली। आपके पसंदीदा Restaurant पर उपलब्ध आपकी पसंदीदा डिश को भागकर आपके पास तक पहुंचाने वाली MOBILE APP संचालक कंपनियां SWIGGY, ZOMATO, FOOD PANDA या UBER EATS उपभोक्ताओं की नजर में तो काफी अच्छी और फायदेमंद हैं लेकिन यदि रेस्तरा संचालकों की तरफ देखतें तो बात बदली बदली सी नजर आ रही है। रेस्तरा संचालकों का कहना है कि ये कंपनियां माफियागिरी कर रहीं हैं। पूरे बाजार पर कब्जा करने वाली हैं। छोटे रेस्तराओं को बर्बाद कर रहीं हैं। स्वीगी ने तो अपना ही क्लाउड किचिन शुरू कर दिया है और जोमेटो एप में लिस्टेड रेस्तरांओं को एक निर्धारित कंपनी से ही कच्चा माल खरीदने के बाद बाध्य किया जा रहा है। 

स्विगी, जोमैटो, ऊबर ईट्स और फूड पांडा जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों के खिलाफ लगभग 500 रेस्ट्रॉन्ट्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) को शिकायत की है। इन छोटे और मध्यम आकार के रेस्तराओं का आरोप है कि ये कंपनियां 'अपने दबदबे का दुरुपयोग कर रही हैं।' इसमें फूड डिलीवरी कंपनियों पर अधिक डिस्काउंट देने, इन-हाउस किचन रखने जैसे आरोप लगाए गए हैं। रेस्तराओं की ऑनलाइन पिटीशन में कहा गया है, 'ये कंपनियां छोटे और मझोले रेस्तराओं को खत्म करने की कोशिश कर रही हैं।' 

नैशनल रेस्ट्रॉन्ट असोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के प्रेजिडेंट राहुल सिंह ने बताया, 'रिटेल की तरह रेस्ट्रॉन्ट या ऐप से फूड सर्विसेज देने वाली कंपनियों पर फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) संबंधी कानून की बंदिशें लागू नहीं हैं। बिजनस के गलत तरीकों की CCI जांच करेगा। हमारी असोसिएशन ने अधिक डिस्काउंट देने और क्लाउड किचन जैसे मुद्दों पर पिछले सप्ताह चार बड़ी फूड डिलीवरी कंपनियों के साथ मीटिंग की थी।' 

इस बारे में जोमैटो, ऊबर ईट्स और फूड पांडा ने ईटी के पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। असोसिएशन ने CCI से फूड डिलीवरी कंपनियों के बड़े डिस्काउंट, किचन/रेस्ट्रॉन्ट में हिस्सेदारी रखने जैसे गलत कारोबारी तरीकों को बंद करवाने की मांग की है। 

इंडिगो जैसे रेस्ट्रॉन्ट ब्रैंड की मालिक डेगस्टिबस हॉस्पिटैलिटी के सीईओ अनुराग कटियार ने बताया कि फूड डिलीवरी कंपनियों के चलते रेस्ट्रॉन्ट्स को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, 'ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स के बड़े डिस्काउंट से रेस्तराओं के ग्राहक घट रहे हैं। इससे उनकी बिजनस कॉस्ट भी बढ़ गई है।' 

पिटीशन के मुताबिक, स्विगी ने 'मार्केट पर पकड़ मजबूत करने के लिए' इन-हाउस किचन द बाउल कंपनी शुरू की है। उसके प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग के लिए रेस्ट्रॉन्ट को बड़ी फी देनी पड़ती है। हालांकि, स्विगी पर लॉग-इन करने वाले कस्टमर्स को पहला विज्ञापन उसकी इन-हाउस किचन द बाउल कंपनी का दिखता है। रेस्तरां मालिकों का कहना है कि जोमैटो ने सब्जियां, चिकन और अन्य प्रॉडक्ट्स बेचने वाली अपनी कंपनी हायपरप्योर शुरू की है और वह जोमैटो पर लिस्टिंग के लिए रेस्तराओं को हायपरप्योर से खरीदारी करने के लिए मजबूर कर रही है। वह कस्टमर्स को भारी डिस्काउंट देकर छोटे रेस्तराओं को नुकसान पहुंचा रही है। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !