DAMOH: भाजपा नेता के स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर का शव फांसी पर झूलता मिला | MP NEWS

दमोह। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया की देखरेख में संचालित DPSG SCHOOL DAMOH जो OJASWINI ENGINEERING COLLEGE DAMOH परिसर में स्थित है के हॉस्टल में खेल शिक्षक का शव फांसी पर झूलता मिला है। इससे पहले 13 जनवरी को एक छात्रा का शव भी फांसी पर झूलता मिला था। छात्रा की संदिग्ध मौत को प्रेम प्रसंग में आत्महत्या बताया गया था परंतु खेल शिक्षक के साथ यह कारण सामने नहीं आया है। वो जिस महिला शिक्षक से प्रेम करता था, उसी से उसकी शादी होने वाली थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। 

जानकारी के अनुसार दमोह-सागर रोड स्थित ओजस्विनी इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में संचालित डीपीएसजी स्कूल के खेल शिक्षक का शव सोमवार सुबह उसके कमरे में लटका मिला। टीआई अनिल सिंह ने परिजनों काे सूचना दी। पुलिस ने सीएसपी और तहसीलदार के सामने रूम सील कर दिया है। देर रात परिजन एंबुलेंस लेकर दमोह पहुंचे और पोस्टमार्टम के लिए शव भेजा गया। गौरतलब है इस परिसर में एक माह में यह दूसरा मामला है। इससे पहले इसी हाॅस्टल में रहने वाली एक छात्रा का शव भी फांसी पर झूलता मिला था। 

बताया गया है कि डीपीएसजी स्कूल में ग्वालियर के टेकनपुर निवासी और घुड़सवार कोच निरंजन सिंह 30 हॉस्टल के कमरा नंबर एस-01 में रहता था। सुबह फांसी के फंदे पर कमरे में उसके लटके होने की सूचना पुलिस को मिली। कुछ छात्राएं कमरे में पहुंची और निरंजन को फांसी पर लटका देखकर घबरा गईं। उन्होंने ही सबको इसकी सूचना दी। 

इंगेजमेंट हो चुकी थी, शादी होने वाली थी
पुलिस ने बताया कि युवक का स्कूल की ही एक गर्ल्स स्पोर्ट्स टीचर से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों की इंगेजमेंट भी हाे चुकी है और कुछ दिनों में परिजनों की सहमति से शादी होने वाली थी। मालूम हो इस घटना के पहले 13 जनवरी को एक छात्रा का शव फांसी पर झूलता मिला था। पुलिस ने इसे प्रेम-प्रसंग के चलते आत्महत्या बताया था और प्रेमी को आरोपी बताकर पुलिस जेल भेज दिया था परंतु निरंजन सिंह के मामले में यह दलील नहीं दी जा सकती क्योंकि उसके प्रेम प्रसंग को परिवार की स्वीकृति मिल चुकी थी। सगाई हो चुकी थी और शादी की तैयारियां चल रहीं थीं। 

राजनीति हो रही है, हम जांच के लिए तैयार: मलैया
ओजस्विनी समूह के सिद्धार्थ मलैया ने कहा- दोनों घटनाओं के कारण स्पष्ट हैं और सभी के सामने हैं, बावजूद कुछ लाेग इसे राजनैतिक रंग दे रहे हैं। संस्थान हर जांच के लिए तैयार है। जिस एजेंसी से जांच कराना चाहें करा लें लेकिन जहां पर लोगों को रोजगार मिल रहा है, उसे राजनीति का अखाड़ा न बनाएं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !