पढ़िए भोपाल में कब और कहां शपथ लेंगे कमलनाथ, कौन कौन है मेहमान | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 17 दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को कांग्रेस भव्य बनाने की तैयारी में है. इसमें ना सिर्फ विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे बल्कि अब संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल होंगी. सोनिया गांधी के साथ प्रियंका गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी शामिल होंगे. इसके अलावा गठबंधन के अन्य नेता भी शामिल होंगे.

जानकारी के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी समारोह में शिरकत करेंगे. कांग्रेस कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह के बहाने महागठबंधन की ताकत दिखाना चाहती है. इसमें ममता बनर्जी, मायावती, अखिलेश यादव, चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हो सकते हैं. इन सभी का आमंत्रण दिया गया है. हालांकि अभी तक मायावती का जवाब नहीं आया है.

मध्य प्रदेश में चुनाव के मतगणना के दिन बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया था. कमलनाथ ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम गठबंधन को साथ लेकर चलेंगे. उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का धन्यवाद भी दिया था.

बता दें कि कमलनाथ 17 दिसंबर को दोपहर 1:30 बजे भेल के जंबूरी मैदान पर मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इसके अलावा कमलनाथ के मंत्रियों के नाम पर मंथन शुरू हो गया है. हालांकि उस दिन सिर्फ कमलनाथ ही शपथ लेंगे. बाकी मंत्रियों को शपथ के लिए इंतजार करना होगा. नए मंत्रिमंडल की बाद में शपथ होगी.

उधर भोपाल स्थित भेल के जंबूरी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां तेज हो गई हैं. शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिग्गज हस्तियों को आमंत्रित किया गया है. आयोजन स्थल का जायजा शुक्रवार देर रात से ही अधिकारियों ने शुरू कर दिया है. आयोजन स्थल में समारोह की तैयारी का सिलसिला तेज़ हो गया है.

वहीं कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की शक्ति प्रदर्शन की कोई योजना नहीं है लेकिन उनके शपथ ग्रहण में कई विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हो सकते हैं. कमलनाथ ने कहा, 'तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत ने महागठबंधन को ताक़त दी है. शपथ ग्रहण में हम सबको बुला रहे हैं, यह कोई शक्ति प्रदर्शन हीं है, आप इसे विपक्षी एकता का प्रदर्शन कह सकते हैं.'

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