KAMAL NATH सरकार संकट में, BSP समर्थन वापस लेगी, SC-ST विवाद में उलझ गई कांग्रेस | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार विधानसभा का पहला सत्र भी आयोजित नहीं कर पाई और संकट में आ घिरी है। विवाद भी ऐसा जो मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा संवेदनशील है। SC-ST विवाद के संदर्भ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने समर्थन वापसी की धमकी दी है। 

बहुजन समाज पार्टी ने लखनऊ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि हम मांग करते हैं कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में एससी/एसटी एक्ट 1989 के लिए 2 अप्रैल 2018 को आयोजित 'भारत बंद' के दौरान दर्ज किए गए मामलों को कांग्रेस सरकार तत्काल वापस ले। उन्होंने कहा है कि अगर मामलों को वापस नहीं लिया जाता है तो हमारा सरकार को समर्थन देना बेकार है। बसपा ने कहा कि हम कांग्रेस को बाहरी समर्थन देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे।

क्या है SC-ST विवाद
मध्यप्रदेश में सरकारी सेवाओं में प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट ने फैसला दिया था। इसके बाद भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी। जिससे प्रदेश के अनारिक्षत कर्मचारी लामबंद हो गए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST एक्ट में गिरफ्तारी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया। नरेंद्र मोदी सरकार पर दवाब बनाने के लिए 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद का आह्ववान किया गया। मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में भारत बंद के दौरान हिंसक घटाएं हुईं। जिसके बाद आरक्षित जातियों के नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज हुए। हालात यह है कि यहां आरक्षित एवं अनारिक्षत जातियों के लोग आमने सामने हैं। इस बार कांग्रेस को समर्थन करने वालों में अनारक्षित जाति के लामबंद लोग भी थे क्योंकि वो SC-ST विवाद के चलते शिवराज ओर मोदी दोनों से नाराज थे। 

कमलनाथ पर संकट कैसा
मध्यप्रदेश में अनारक्षित जातियों के लोग SC-ST विवाद के चलते भाजपा से नाराज थे और उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दिया। अब यदि कमलनाथ सरकार 2 अप्रैल को हुए हिंसक मामलों में दर्ज प्रकरण वापस लेती है तो सवर्ण समाज नाराज हो जाएगा। नहीं लेती तो बसपा समर्थन वापस ले लेगी। एक बड़ा पेंच यह भी है कि 2 अप्रैल को जो मामले दर्ज हुए वो राजनैतिक नहीं बल्कि आपराधिक मामले हैं। 

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