पति की मौत पर रोई नहीं थी महिला, कोर्ट ने दोषी मानकर जेल भेज दिया | Court news

गुवाहाटी। क्या पति की असमय मौत पर उसकी पत्नी का रोना इतना महत्वपूर्ण है कि यदि वो ऐसा ना करे तो उसे हत्या का दोषी मान लिया जाए। इस मामले में ऐसा ही हुआ। महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया। निचली अदालत ने उसे दोषी माना और जेल भेज दिया। हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। 5 साल तक महिला जेल में रही। अंतत: सुप्रीम कोर्ट ने उसे दोषमुक्त किया। 

मामला असम राज्य का है। यहां एक व्यक्ति की असमय मौत हो गई। मौत से पहले पत्नी अपने पति के साथ थी ओर मौत के बाद पत्नी की आंख में आंसू नहीं थे। ​पुलिस ने आंसुओं को आधार मानकर महिला को पति की हत्या का दोषी माना और गिरफ्तार कर निचली अदालत में पेश किया। अदालत ने पुलिस की दलीलों से सहमत होकर महिला को जेल भेज दिया। महिला ने हाईकोर्ट में अपील की

हाई कोर्ट ने क्या दी थी दलील
निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए हाई कोर्ट यह दलील दी थी कि महिला का अपने पति की अप्राकृतिक मौत पर न रोना एक 'अप्राकृतिक आचरण' है, जो बिना किसी संदेह महिला को दोषी साबित करता है। इतना ही नहीं, निचली अदालत और हाई कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि पति की हत्या वाली रात अंतिम बार महिला अपने पति के साथ थी। हत्या के बाद वह रोई नहीं, इससे उसके ऊपर संदेह गहराता है और यह साबित करता है कि उसने ही अपने पति की हत्या की है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या-कुछ कहा
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा, 'मौके पर मौजूद जो भी साक्ष्य हैं, उनके आधार पर यह कहना सही नहीं है कि महिला ने ही अपने पति की हत्या की है।' इसके साथ ही पीठ ने महिला को जेल से रिहा करने का आदेश दिया। पीठ ने फैसला सुनाते हुए आगे कहा कि वास्तविकता तो यह है कि अभियोजन पक्ष के गवाह को महिला की आंखों में आंसू नहीं दिखे। अदालत ने इसे अप्राकृतिक व्यवहार मान लिया, लेकिन इसके आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!