बाबा रामदेव के COLLEGE ने घुसने नहीं दिया, STUDENTS ने सारी रात ठंडे आसमान के नीचे गुजारी | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज जिसे बाबा रामदेव का आयुर्वेदिक कॉलेज भी कहते हैं, के दर्जनों छात्र-छात्राओं को सारी रात खुले आसमान के नीचे गुजारनी पड़ी। उनका अपराध यह था कि वो अपनी मांगों को लेकर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय गए थे। प्रशासन का कहना है कि छात्र बिना अनुमति के गए थे, लिहाजा उनके परिजनों से वार्ता के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। जबकि, छात्रों का कहना है कि उन्होंने देहरादून जाने के लिए प्रधानाचार्य से अनुमति ली थी। मामले की जांच के लिए कॉलेज प्रशासन ने एक कमेटी का गठन किया है।

14 अक्टूबर वर्ष 2015 में बीएएमएस का शुल्क 80 हजार 500 से बढ़ाकर दो लाख 15 हजार और बीएचएमएस का शुल्क 73 हजार 600 से बढ़ाकर एक लाख 10 हजार किया गया था। शासन के इस आदेश को छात्रों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।

हाईकोर्ट की डबल बेंच ने तत्काल सभी संस्थाओं को बढ़ा शुल्क वापस लेने के निर्देश दिए, लेकिन आदेश का पालन नहीं किया गया। इससे परेशान विभिन्न आयुर्वेदिक और होम्योपैथी कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने बृहस्पतिवार को देहरादून में उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि पर प्रदर्शन किया। इसके बाद जब पतंजलि आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्र-छात्राएं बृहस्पतिवार रात वापस लौटे तो उन्हें कॉलेज के अंदर नहीं आने दिया गया। 

उनसे यह पूछा गया कि वह किसकी अनुमति से दून गए थे। छात्रों ने बताया कि वे प्रधानाचार्य डीएन शर्मा से मौखिक अनुमति लेकर गए थे। पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज प्रशासन का कहना है कि बिना अनुमति कॉलेज से बाहर गए छात्र-छात्र छात्राओं के लिए वाल्मीकि धर्मशाला में रहने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन वे गेट के बाहर रातभर बैठे रहे। पुलिस प्रशासन के समझाने पर भी वे हॉस्टल में जाने की जिद पर अड़े रहे।

कॉलेज प्रशासन की ओर से गठित कमेटी छात्र-छात्राओं की गलती का संज्ञान लेगी और कमेटी के निर्णय के बाद ही आगे सोच-विचार किया जाएगा। सभी छात्र-छात्राओं के भविष्य का ध्यान रखते हुए उनके परिजनों के साथ वार्ता के लिए बुलाया गया है। मामले में कॉलेज का पक्ष जानने के लिए कॉलेज प्रबंधन से संपर्क किया गया, लेकिन बात नहीं हो पाई।

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