मप्र में अबकी बार कारोबारियों की सरकार: 376 में से 115 प्रत्याशी करोड़पति | MP NEWS

भोपाल। राजनीति का चेहरा बदल रहा है। कुर्ते पजामे के अंदर मौजूद आदमी नेता जैसा दिखता है, समाजसेवा की बात भी करता है परंतु असल में वो कारोबार है। करोड़पति है। बताने की जरूरत नहीं कि जीतने के बाद वो और उसके रिश्तेदार कितने मालदार हो जाएंगे। ऐसे में यदि प्रत्याशी चयन में करोड़ों के लेन-देन के आरोप लग रहे थे तो माना जा सकता है कि वो चूक गए दावेदारों की भड़ास मात्र तो नहीं है। 

भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार हरेकृष्ण दुबोलिया ने नामांकन दाखिले की प्रक्रिया के बीच एक रिपोर्ट तैयार की है। उन्होंने बताया कि भाजपा और कांग्रेस ने अब तक 376 प्रत्याशी (भाजपा 192 और कांग्रेस 184) घोषित किए हैं। इनमें से 115 प्रत्याशी ऐसे हैं, जिनके पास करोड़ों की संपत्ति है। यानी जिताऊ के नाम पर मालदार प्रत्याशी को तवज्जो मिली। हालांकि ये आंकड़ा सिर्फ दो दलों के प्रत्याशियों का है, जबकि सभी दलों के प्रत्याशियों की धन-दौलत का विश्लेषण होगा तो ये आंकड़ा दोगुने से ज्यादा मिल सकता है। पिछले चुनाव में सभी दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों में 350 करोड़पति थे।

ये हैं भाजपा के टॉप-5 अमीर प्रत्याशी
भाजपा ने अब तक अपने 192 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इनमें 103 मौजूदा विधायक हैं। इन मौजूदा विधायकों में 77 करोड़पति हैं, जबकि 27 ऐसे हैं जो वर्ष 2013 में करोड़पति होने से महज कुछ हजार या कुछ लाख रुपए ही पीछे थे। 
1. संजय पाठक - विजय राघौगढ़ - 121 करोड़
2. चेतन कश्यप : रतलाम सिटी से प्रत्याशी, संपत्ति - 120 करोड़ 
3. सुरेंद्र पटवा : मंत्री और भोजपुर से प्रत्याशी, संपत्ति - 38 करोड़ 
4. गायत्री राजे पवार : देवास सीट से मैदान में, संपत्ति-  27 करोड़
5. मोहन यादव : उज्जैन दक्षिण से प्रत्याशी, संपत्ति- 16 करोड़

और ये रहे कांग्रेस के टॉप- 5 सबसे अमीर 
अब तक 184 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। इनमें से 53 मौजूदा विधायक हैं। पूर्व विधायकों में 38 करोड़पति हैं, जबकि 13 करोड़पति होने की दहलीज पर थे, जो पिछले पांच साल में करोड़पति हो गए होंगे।
1. संजय शर्मा - तेंदूखेड़ा - 65 करोड़ 
2. केपी सिंह : पिछोर सीट से प्रत्याशी, संपत्ति - 60 करोड़
3. आलोक चतुर्वेदी : छतरपुर से प्रत्याशी, संपत्ति- 26 करोड़ 
4. अजय सिंह राहुल : चुरहट 25 करोड़ की संपत्ति
5. सचिन यादव : कसरावद से प्रत्याशी, संपत्ति- 23 करोड़

सरकार किसी भी पार्टी की बने, नीतियां एक जैसी ही होंगी
इस रिपोर्ट के बाद एक बात तो यह हो गई है कि सरकार किसी भी पार्टी की बने या फिर गठबंधन ही क्यों ना हो, नीतियां एक जैसी ही होंगी। 2018 की मप्र सरकार जनसेवा का दिखावा करेगी परंतु कारोबारियों के मुनाफे के लिए काम करेगी। ऐसी हर विकास योजना को तत्काल स्वीकृति मिल जाएगी जिसमें ठेकेदारों को मोटा मुनाफा मिलता हो। गरीबों को ज्यादा से ज्यादा फ्री वाली योजनाएं चलाई जाएंगी ताकि कारोबारियों को करोड़ों की सप्लाई का काम मिल सके। मिडिल क्लास पर टैक्स थोपे जाएंगे क्योंकि वो वोटबैंक नहीं है। 

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