सस्पेंड महिला पुलिसकर्मी का रेप, 13 लाख की ठगी, 3 माह जांच के बाद FIR | CRIME NEWS

Bhopal Samachar
मोगा। मोगा पुलिस ने एक शातिर ठग को नामजद किया है। इस पर सस्पेंडेड लेडी कॉन्स्टेबल को बहाल करवाने, उसके दो भाइयों को पुलिस में लगवाने के नाम पर 13 लाख रुपए ठगने और 6 महीने तक यौन शोषण का आरोप है। पीड़िता की मानें तो आरोपी अपने आपको बठिंडा के आईजी का भांजा और सीएम के करीब भरत इंद्र सिंह चाहल का दोस्त बता रहा था। वह और उसका एक साथी उसे डीजीपी से मिलवाने के बहाने गाड़ी में बिठा ले गए और सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ रेप किया। इतना ही नहीं इस गंदी हरकत का वीडियो बना और फोटो खींचकर 6 महीने तक ब्लैकमेल भी किया जाता रहा। बहरहाल मामले की जांच जारी है।

मोगा के थाना सिटी-1 से मिली जानकारी के अनुसार 10 अगस्त 2018 को एसएसपी को दी लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि वह 2016 में सीआईए स्टाफ में तैनात थी। उस समय के तत्कालीन सीआईए स्टाफ प्रभारी के पास अवतार सिंह तारी नाम का व्यक्ति का आना था। किसी कारण वश उसे अगस्त 2017 को सस्पेंड कर दिया गया। तारी ने उससे कहा कि वह पुलिस अधिकारियों के साथ साथ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नजदीकी भरतइंद्र सिंह चाहल का दोस्त है और आईजी बठिंडा उसके मामा लगते हैं। कोई न कोई जुगत लगाकर वह उसे बहाल करवा देगा, इस काम के लिए तीन लाख रुपए लगेंगे। दो लाख रुपए उसे दे भी दिए, वहीं तारी को पीड़ित पुलिस वाली के दो भाइयों द्वारा भी 2011 में मोहाली में हुई पुलिस भर्ती में टेस्ट दिए जाने का पता लगा, जिस पर जॉइन करने से पहले अदालत ने स्टे कर दिया था।

महिला कांस्टेबल का यह भी आरोप है कि अवतार सिंह तारी ने 9 लाख रुपए लेकर उसके दोनों भाइयों को जॉइन कराने की भी बात कही। इसdsक बाद उसे दो लाख रुपए और दोनों भाइयों के दस्तावेज भी दे दिए। पुलिस अधिकारियों से बात हो चुकी होने की बात कह फिर उसने तीन लाख और मांगे तो सोने की दो चूड़ियां एक सर्राफ के पास गिरवी रखने के बाद अवतार को पैसे दिए। बाद में अवतार ने डीजीपी कार्यालय से भाइयों की फाइल ढूंढने के बहाने पुलिस वाली को अपने साथ ले गया। रास्ते में उसने एक सुनसान इलाके में ले जाकर उसकी मर्जी के बिना रेप किया और धमकाया कि अगर किसी को इस बारे में बताया तो वह उसके भाइयों की फाइलें नहीं निकलने देगा।

आरोप यह भी है कि इसके बाद 6 महीने तक वह उसे वीडियो और फोटो लेकर ब्लैकमेल करता रहा। डराकर दो बार 50-50 हजार रुपए मांगकर ले गया। इसके अलावा फरवरी 2018 में उसने एचडीएफसी बैंक से आठ लाख रुपये का लोन लिया था, जिसमें से पांच लाख रुपए अवतार को दिए। तीन लाख रुपए जिन लोगों से पहले कर्जा लिया था, लौटा दिया। इसी बीच आठ जून 2018 को उसके मोबाइल पर मैसेज आया कि उसके खाते में से साढ़े छह लाख व छह लाख के दो चेक लगाए गए हैं। पता चला कि ये दोनों चेक चोरी करके उसके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। इस सारे मामले की शिकायत एसएसपी ने डीएसपी से जांच करने के लिए सौंपी। सवा 3 महीने की जांच के पुलिस ने अवतार सिंह तारी के खिलाफ धारा 376, 380, 384, 420 व 506 के तहत केस दर्ज किया है।
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