ये हैं भारत में आवारा जानवरों के कानूनी अधिकार | world animal day

4 अक्टूबर को पूरी दुनिया में वर्ल्ड एनिमल डे मनाया जाता है। अगर आप पशु प्रेमी है, खासतौर से अगर आप स्ट्रीट एनिमल्स के लिए काम करते हैं या फिर आप संवेदनशील हैं तो उनसे जुड़े कुछ अधिकारों के बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए। भारत में लोग जानवरों को जानवर ही समझते हैं। वे ये क्यों नहीं सोचते कि वे भी जिंदा जीव हैं, उन्हें भी हमारी तरह दुख और दर्द होता होगा। यही वजह है कि लोग बस इन्हें जानवर मानकर इनके साथ बहुत गलत व्यवहार करते हैं। लेकिन इनके साथ हर बार ऐसा न हो, इसके लिए भारतीय संविधान में कुछ कानून बनाए गए हैं, ताकि इनके साथ होने वाले जुर्म को रोका जा सके।

दिल्ली सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि व्यक्ति सड़क पर घूमने वाले जानवरों को सब कुछ खिला सकते हैं। ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमें इन्हें कुछ खिलाने की मनाही हो लेकिन इन जानवरों को कुछ भी जहरीला खिलाना कानून के खिलाफ है। अगर ऐसा होता है तो सेक्शन 11 PREVENTION OF CRUELTY TO ANIMALS ACT 1960 के तहत सजा का प्रावधान है।

- आईपीसी की धारा 428 और 429 के तहत जानवरों को परेशान करना गैरकानूनी है। साथ ही व्हीकल से उन्हें किसी तरह का नुकसान पहुंचाना भी गैरकानूनी है। ऐसा करने पर 2000 रूपए का जुर्माना है। साथ ही पांच साल की जेल का प्रावधान है।

- एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने जानवरों की रखवाली करने वाले लोगों के लिए स्पेशल आईडी बनाए हैं, जो उन्हें जानवरों का हक दिलाने में मदद करते हैं।

- ये कानून आम व्यक्ति के लिए लागू होते हैं, लेकिन पशुओं के ट्रेनर्स और चिडिय़ाघर के संदर्भ में ये लागू नहीं होते।
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