TAX SAVING के लिए कौन से तरीके हैं बेस्ट, जानिए यहां

इंकम टैक्स हर कोई भरता है, लेकिन इससे बचना भी हर कोई चाहता है। ऐसे में समझ नहीं आता कि इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका आखिर क्या है। इंकम टैक्स बचाने (income tax saving scheme ) के लिए ऐेसे कौन से तरीके अपनाएं जाएं, जो फायदेमंद हों। वैसे इंकम टैक्स बचाने के दो सबसे बेहतर तरीकों में एक है PPF (public provident fund)  में इंवेस्टमेंट करना और दूसरा ELSS (equity link saving scheme) स्कीम। इन दिनों ये दो स्कीम में इंवेस्ट कर आप टैक्स बचा सकते हैं। PPF में निवेश करने पर जहां सरकार की गारंटी मिलती है, वहीं ELSS में इंवेस्ट स्टॉक मार्केट के अधीन होता है। इन दोनों योजनाओं की कई ऐसी खूबियां हैं, जो इन्हें अन्य योजनाओं से खास बनाती हैं। 

दोनों स्कीमों की क्या हैं कॉमन बातें....

पहली बात ये है कि दोनों स्कीमों में 1.5 लाख का इंवेस्टमेंट कर ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचाया जा सकता है। इसके अलावा दोनों ही स्कीम को बीच में बंद नहीं किया जा सकता। पीपीएफ में पैसा जहां सीधे 15 साल बाद निकलता है , वहीं ELSS  स्कीम में पैसा 3 साल में ही निकल जाता है। 

पीपीएफ की 5 बातें बनाती हैं इसे खास-

इस स्कीम को बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं भी खोल सकते हैं। इसके अलावा इसे किसी भी बैंक और पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर  कर सकते हैं। 

- इसे केवल 100 रूपए से भी खोल सकते हैं, लेकिन फिर हर साल 500 रूपए एक बार में जमा करना जरूरी है। इस अकाउंट में हर साल 1.5 लाख रूपए ही जमा किया जा सकता है। 
- पीपीएफ स्कीम 15 साल के लिए है, जिसे बीच में बंद नहीं किया जा सकता। लेकिन 15 साल के बाद इसे 5-5 साल के लिए बढ़ाया जरूर जा सकता है। 

- भले ही इसे 15 साल तक बंद नहीं किया जा सकता हो, लेेकिन 3 साल बाद इस अकाउंट के बदले लोन लिया जा सकता है। लेकिन अगर कोई चाहे तो 7वें साल में नियमों के तहत पैसा विड्रॉल कर सकता है। 
- इंटरेस्ट रेट की समीक्षा हर 3 महीने में सरकार करती है। ये कम ज्यादा भी हो सकती हैं। फिलहाल इस स्कीम में ब्याज दर 7.6 प्रतिशत चल रही है। 

ELSS स्कीम की 5 बातें-

- देश में 42 म्युचुअल फंड कंपनियां हैं। हर कंपनी के पास ये स्कीम होते हैं। इसे आप ऑनलाइन घर बैठे-बैठे या किसी एजेंट के जरिए खरीदा जा सकता है। 
- इसमें अगर एक बार में इंवेस्ट करना है तो 5 हजार रूपए  और अगर हर महीने निवेश करना है तो 500 रूपए  महीने का जमा करना होगा। इसमें 1.5 लाख रूपए तक की अधिकतम टैक्स छूट ली जा सकती है। लेकिन अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है। 

- इस स्कीम के तहत आप तीन साल तक पैसा नहीं निकाल सकते, लेकिन इसके बाद चाहें तो पूरा पैसा निकाल लें या फिर जितना जरूरी हो उतना ही निकालें। 
- चूंकि ये स्कीम 3 साल तक के लिए है, इसलिए इंवेस्टर चाहे तो इसमें डिविडेंट पेआउट  का ऑप्शन भी  ले सकता है। इसके तहत उसे बीच-बीच में पैसे मिलते रहेंगे। 
- इस स्कीम में इंटरेस्ट नहीं बल्कि मार्केट लिंक रिटर्न मिलता है। 

फाइनेंशियल एंड इंवेस्टमेंट स्पेशलिस्ट के अनुसार PPF और ELSS की खासियत अलग-अलग हैं। पीपीएफ में जहां इंवेस्टर को तय इंटरेस्ट मिलता है, वहीं ELSS में मार्केट लिंक रिटर्न मिलता है। इस कैटेगरी में तीन साल में अब तक सबसे अच्छा रिटर्न .ESCORTS TAX PLAN - DIRECT (G ) स्कीम ने  दिया है।
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