चंडीगढ़। कई बार आप समय रहते लोन की किस्त नहीं चुका पाते, कंपनी आपका नाम डिफॉल्टर लिस्ट में डाल देती है। बाद में आप लोन चुका देते हैं परंतु कंपनी डिफॉल्टर लिस्ट से आपका नाम नहीं हटाती। नतीजा, आपको नया लोन नहीं मिल पाता। आप बदनाम हो जाते हैं। दिव्यांग सुरजीत सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ परंतु वो कंपनी के सामने गिड़गिड़ाया नहीं बल्कि बजाज फाइनेंस लिमिटेड कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में दावा ठोक दिया। फोरम ने 50 हजार रुपये पीड़ित उपभोक्ता को देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा उपभोक्ता को 15 हजार रुपये मुकदमा खर्च और डिफॉल्टर लिस्ट से उसका नाम निकालने के आदेश भी फोरम ने जारी किए हैं।
क्या है मामला: पढ़िए पूरी कहानी
मोहाली निवासी सुरजीत सिंह ने कंज्यूमर फोरम में दी गई शिकायत में बताया था कि उन्होंने चंडीगढ़ स्थित सेक्टर-26 के बजाज फाइनेंस लिमिटेड कंपनी से लोन लिया था। उक्त लोन की सभी किस्तें समय पर देने के बावजूद कंपनी ने उनका नाम डिफॉल्टर लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद बजाज फाइनेंस के अधिकारियों ने लोन न चुकाने का मामला कोर्ट में में दर्ज करा दिया। इस पर जेएमआईसी चंडीगढ़ के आदेश पर कुछ पुलिस कर्मचारी शिकायतकर्ता सुरजीत सिंह को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंच गए। शिकायतकर्ता सुरजीत सिंह ने जब पुलिस अधिकारियों को लिए गए लोन के पूरे सेटलमेंट रिकॉर्ड दिखाए तो पता चला कि सुरजीत ने बजाज फाइनेंस से लिए 47,700 रुपये का लोन बैंक के साथ पूरा सेटल कर लिया है। इसके बावजूद बजाज फाइनेंस ने सुरजीत सिंह के लोन अकाउंट को बंद नहीं किया था, जिसके चलते उनके नाम पर लोन अमाउंट पेंडिंग दिखाई दे रहा था।
कंपनी ने जान बूझकर सिविल स्कोर खराब कर दिया
जब सारे रिकॉर्ड पूरी तरह से जांचे गए तो बजाज फाइनेंस लिमिटेड ने शिकायतकर्ता सुरजीत सिंह के खिलाफ दी गई शिकायत वापस ले ली लेकिन जब सुरजीत सिंह ने अपना सिविल स्कोर चेक किया तो उनका नाम डिफॉल्टर्स लिस्ट में बताया जा रहा था। कंपनी को बार-बार प्रार्थना पत्र भेजे जाने के बावजूद उनका नाम डिफॉल्टर लिस्ट से नहीं निकाला गया। इस पर उपभोक्ता ने कंज्यूमर फोरम में कंपनी के खिलाफ शिकायत दायर की थी। फोरम ने इस मामले में कंपनी को दोषी पाया।
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