एट्रोसिटी एक्ट: अब रावण दहन पर रोक लगाने की मांग | MP NEWS

भोपाल। एससी-एसटी और जातिगत आधार पर आरक्षण के खिलाफ चल रहे सामाजिक विरोध के बीच आरक्षित जातियों के संगठन ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। रावण को अब तक विद्वान ब्राह्मण कहा जाता था परंतु एससी-एसटी मोर्चा ने रावण दहन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि रावण आदिवासियों के आराध्य देव हैं। 

राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर ओबीसी, एससी-एसटी मोर्चा ने दशहरे पर होने वाले रावण दहन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। मोर्चा में शामिल 17 संगठनों के पदाधिकारियों के हस्ताक्षर किया हुआ ज्ञापन कलेक्टर के जरिए राष्ट्रपति को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि रावण आदिवासियों के आराध्य देव हैं। रावण के पुत्र मेघनाद रुढ़ी प्रथा के अनुसार आज भी आदिवासी समाज में पूज्य देवता हैं। कलेक्टर सुदाम खाड़े का कहना है कि ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम संबोधित है, उन्हें भेज दिया गया है। 

नई बहस शुरू
अब समाज में एक नई बहस शुरू हो गई है। क्या रावण आदिवासी था। यदि नहीं तो क्या इसलिए रावण के पुतले को एससी-एसटी एक्ट के तहत संरक्षण मिलना चाहिए क्योंकि वो आदिवासियों का आराध्य है। फिलहाल इस ज्ञापन पर विजयदशमी तक शायद ही कोई निर्णय हो परंतु एक नया झमेला शुरू हो गया है। जल्द ही यह मुद्दा भी बन सकता है। 
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !