मप्र में टाल दिए गए छात्रसंघ चुनाव, सोशल मीडिया ने पूछा क्या डर गई भाजपा | mp news

भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नाम पर छात्र संघ चुनाव टाल दिए। प्रदेश के 1300 कॉलेजों और छह यूनिवर्सिटीज में छात्रसंघ चुनाव होने थे, लेकिन अब ये नहीं कराए जाएंगे। सरकार का कहना है कि चूंकि अक्टूबर मध्य में चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। इसे देखते हुए चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। जबकि सोशल मीडिया पर लोग ताना मार रहे हैं कि सरकार एससी एसटी और आरक्षण के विरोध से डर गई इसलिए यह कदम उठाया गया। 

कहा जा रहा था कि छात्रसंघ चुनाव विधानसभा चुनाव पर भी असर डाल सकते हैं। इसलिए सरकार भी चुनाव कराने में इस बार अधिक रुचि नहीं ले रही है। क्योंकि, भले ही छात्रसंघ दलीय प्रणाली पर नहीं होते लेकिन संगठन अपनी दावेदारी करते हैं और संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को चुनाव में उतारते हैं। दूसरी ओर इससे कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं को अधिक सक्रिय होने का मौका मिल सकता है।

सुरक्षा व्यवस्था बड़ा मुद्दा
करीब छह साल बाद छात्रसंघ चुनाव पिछले साल 31 अक्टूबर 2017 को हुए थे। सुरक्षा व्यवस्था के कारण यह चुनाव समय पर नहीं हो सके थे। वहीं सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों के लिए दो शिफ्टों में कराने पड़े थे। सुरक्षा का मुद्दा इस बार भी आड़े आ सकता है। क्योंकि, इस बार पुलिस प्रशासन विधानसभा चुनाव के कारण कॉलेज व विश्वविद्यालय कैंपसों में सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने से हाथ खींच सकता है। 

स्कूल कॉलेज परिसर में नहीं होंगी चुनावी गतिविधियां
विधानसभा चुनावों में स्कूल कॉलेजों को चुनावी अखाड़ा नहीं बनने दिया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग सख्ती दिखाई है। स्कूल और कॉलेज की दीवारों और परिसर के अंदर किसी भी दल का बैनर या पोस्टर नहीं लगाया जाएगा। इस संबंध में सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को आदेश जारी कर दिए गए हैं। 
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