भाजपा ने राम रथयात्रा रुकवाई, राम का रथ थाने में जब्त करा दिया: कांग्रेस | MP NEWS

भोपाल। कांग्रेस ने भाजपा पर बड़ा हमला किया है। कांग्रेस ने बताया कि पुराने लंका आश्रम, चित्रकूट धाम के प्रमुख ट्रस्टी पंडित हरिशंकर शुक्ल के नेतृत्व में चित्रकूट से शुरू हुई राम वन गमन पथ यात्रा को भाजपा ने ना केवल रुकवा दिया बल्कि रथ को थाने में जब्त करा रामभक्त पंडित शुक्ला के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला भी दर्ज करा दिया। इधर भाजपा ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि यह कार्रवाई चुनाव आयोग ने की है। कांग्रेस संवैधानिक संस्था का अपमान कर रही है। डिंडोरी के एसडीएम अमित कुमार बम्हरोलिया ने पुष्टि की है कि यह कार्रवाई भाजपा के जिला उपाध्यक्ष टेकेश्वर साहू की शिकायत पर की गई है। 

झूठी शिकायत पर हुई है कार्रवाई
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा, उपाध्यक्षद्वय भूपेन्द्र गुप्ता एवं अभय दुबे ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा कि पुराने लंका आश्रम, चित्रकूट धाम के प्रमुख ट्रस्टी पंडित हरिशंकर शुक्ल के नेतृत्व में चित्रकूट से शुरू हुई राम वन गमन पथ यात्रा जो शुद्ध रूप से धार्मिक व गैर राजनैतिक यात्रा थी, का रथ कल 9 अक्टूबर को डिण्डोरी जिले के शाहपुरा में भाजपा नेताओं के दबाव और झूठी शिकायत के आधार पर पुलिस ने जप्त कर थाने में खड़ा कर दिया है। 

2 अक्टूबर से आज तक कहीं कोई विवाद/शिकायत नहीं हुआ
शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में भगवान श्री राम का रथ विगत् 2 अक्टूबर को चित्रकूट से रवाना हुआ था। श्री राम रथ सती अनसुइया, गुप्त गोदावरी, हनुमान धारा, कामदगिरी, स्फटिक शिला, शरभंग आश्रम, अश्वमुनी आश्रम, सुतीक्षण आश्रम, सिद्धा पहाड़ और सीता रसोई होते हुए सेमरिया, बिहरा, कोटल सतना पहुंची। सतना से माधवपुर, सज्जनपुर रामपुर से अमरपाटन, रीवा, चुरहट, ब्यौहारी, जयसिंह नगर होते हुए शांतिपूर्ण ढंग से ब्यौहारी पहुंची। इसके बाद अन्य धार्मिक स्थलों से होते हुए उमरिया, शहडोल और 9 सितम्बर को डिण्डोरी होते हुए रात्रि में शाहपुर पहुंची। रास्ते में कहीं कोई बाधा या धार्मिक उन्माद जैसा वातावरण कहीं नहीं दिखा बल्कि रास्ते भर गांव वालों, श्रद्धालुओं और संत समाज ने भक्तिपूर्ण तरीके से रथ का स्वागत किया।

भाजपा ने प्रदेश की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है
शाहपुरा में रात्रि विश्राम के दौरान पुलिस पंडित हरिशंकर शुक्ल सहित सभी रथ यात्रियों को थाने ले गई, वहां पर मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने भाजपा के दबाव में मप्र के नागरिकों की धार्मिक भावनाओं को आहत करते हुए भगवान राम के प्रति धार्मिक आस्थाओं के साथ कुठाराघात किया। भाजपा का अब यह स्तर हो गया है कि वे भगवान राम से भी राजनैतिक प्रतिशोध लेना चाहती है। भाजपा ने राम वन गमन पथ की शुद्ध धार्मिक यात्रा को रूकवाकर भगवान राम का जो रथ थाने में जप्त कराया है, उससे प्रदेश की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंची है। 

गंभीर धाराओं में दर्ज किया गया मामला
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सही मायने में भाजपा और उनके नेताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मुकद्मा दर्ज किया जाना चाहिए। रथ को जप्त कर भाजपा नेताओं ने रथ यात्रा निकाल रही धर्म प्रेमी जनता के खिलाफ भी पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट की धारा 123, 125 और आईपीसी 188 के तहत दबाव बनाकर मुकद्मा दर्ज कराया है। जो धाराएं आरोपित की गयी हैं, उनमें प्रमुख रूप से भ्रष्ट आचरण, लोगों के बीच धार्मिक नफरत फैलाना, आईपीसी का उल्लंघन आदि हैं। क्या भारतीय जनता पार्टी के लिये भगवान राम के प्रति आस्था व्यक्त करना भ्रष्ट आचरण, धार्मिक दुर्भावना और धर्म के आधार पर नफरत फैलाना है।

रथ में साधु-महात्मा भी विराजमान हैं
दुर्भाग्य की बात है कि भगवान राम के प्रति आस्था रखने वाले मध्यप्रदेश के नागरिकों के साथ भी भाजपा ने राजनीतिक द्वेषपूर्ण व्यवहार किया है। ज्ञातव्य है कि यात्रा के दौरान कहीं कोई अप्रिय घटना विगत् नौ दिनों के दौरान नहीं हुई। रथ में साधु-महात्मा भी विराजमान हैं। उसमें रास्ते भर कीर्तन भजन-पूजन चल रहा है। रथ में एक भव्य झांकी बनायी गयी है, जिसमें भगवान राम का दर्शन और पूजन करने का लाभ निवासियों को मिल रहा है। रामायण का पाठ और भजन हो रहा है। 

भाजपा ने राम को भुलाया, रथ भी थाने में ​जब्त करा दिया
यह यात्रा उन स्थानों से होकर गुजर रही है जिन स्थानों से भगवान राम वनवास के दौरान मुध्यप्रदेश से गुजरे थे। भगवान राम के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा ने भगवान राम को भुला दिया और इस क्षेत्र में पिछले 11 सालों से मुख्यमंत्री ने घोषणा के बाद भी कोई विकास कार्य नहीं किया। भगवान श्री राम के रथ को थाने में जरूर बैठा लिया। 

ये संवैधानिक संस्था का अपमान है: भाजपा
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा है कि संवैधानिक संस्थाओं का अपमान और अपने राजनीतिक हित में उनका इस्तेमाल करना कांग्रेस की परंपरा रही है। आने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी संभावित हार से बौखलाकर कांग्रेस अब निर्वाचन आयोग पर भारतीय जनता पार्टी के दबाव में काम करने और राम वन गमन पथ यात्रा रोकने जैसे दुर्भावनापूर्ण आरोप लगा रही है।

इंदिरा गांधी से लेकर राहुल गांधी तक सबने अपमान किया
प्रदेश कांग्रेस की मीडिया संयोजक श्रीमती शोभा ओझा ने एक पत्रकार वार्ता में भारतीय जनता पार्टी पर निर्वाचन आयोग को प्रभावित करके कांग्रेस की राम वन गमन पथ रथयात्रा को रुकवाने का आरोप लगाया था। इसे कांग्रेस की कुत्सित मनोवृत्ति का नमूना बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के डॉ. विजयवर्गीय ने कहा है कि आज से नहीं, बल्कि दशकों पहले से कांग्रेस संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करती रही है। 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने संविधान का मजाक उड़ाते हुए देश पर आपातकाल थोप दिया था। कांग्रेस के युवराज अपनी ही सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को सार्वजनिक रूप से फाड़कर संसद एवं एक निर्वाचित सरकार का अपमान कर चुके हैं।

रथयात्रा या रैली की अनुमति देना निर्वाचन आयोग का अधिकार है
डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि व्यापमं मामले में देश की सबसे बड़ी अदालत प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी गड़बड़ी की बात को खारिज कर चुकी है, लेकिन फिर भी कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को अदालतों में भटका रही है। उन्होंने कहा कि कांगेस पिछले चुनाव के समय से लगातार अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ती रही है, लेकिन जब कांग्रेस ने देखा कि उनकी इस बात को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है, तो अब वह निर्वाचन आयोग पर दबाव डाले जाने की बात कहकर नया प्रपंच रच रही है। डॉ. विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में आचार संहिता लगी हुई है, ऐसी स्थिति में किसी रथयात्रा या रैली की अनुमति देना निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है। कांग्रेस को इस मुद्दे पर जो भी शिकायत है, उसके बारे में निर्वाचन आयोग से बात करनी चाहिए, लेकिन वह संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा का आदर करने वाली भारतीय जनता पार्टी पर अकारण कीचड़ उछाल रही है।
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