
इसकी मुख्य बजह मानी जा रही है। सिंधिया के कार्यकाल में जातिवाद को बढावा नही मिलेगा और न बोलबाला होगा, वही भाजपा के नाम पर ग्रामीण किसान चार्चा के दौरान कहते है। बीजेपी पार्टी के शासन काल में जातिवाद गुंडागंदी कम सुनने को मिलता है। अगर बीजेपी मुख्यमंत्री चेहरा बदल दे तो भाजपा की राह आसान हो सकती है।
क्योकि प्रदेश सहित जिले के किसान ग्रामीण जनता पार्टी से नही शिवराज सिंह चौहान से नाराज है। क्योकि शिवराज ने प्रदेश की शिक्षा प्रणाली चौपट कर दी। गरीब के बच्चे शिक्षा से बंचित
होते जा रहे है।
यह रिपोर्ट एक किसान ने लिखकर भेजी है जो पत्रकार नहीं है, हम उसकी भावनाओं का सम्मान करते हुए शब्दश: प्रकाशित कर रहे हैं।