टीकमगढ। टीकमगढ जिले की ग्रामीण किसान चार्चा के दौरान कह रहे हैं कि कॉग्रेस पार्टी अगर सीएम कैंडिडेट का नाम सार्वजनिक करती है। तो हवा का रूख बदल सकता है। जब कॉग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह का नाम लिया जाता है। तो भोला भाला किसान भड़क जाता है और किसान स्पष्ट कहता है। कि दिग्गी राजा से नाखुश है, कमलनाथ के नाम पर किसान कहते है। कि राजा के ही सारथी है। जब ग्वालियर नरेश सिंधिया का नाम लिया जाता है। ग्रामीण किसान के चेहरे पर संतुष्टी का भाव दिखाई देता है।
इसकी मुख्य बजह मानी जा रही है। सिंधिया के कार्यकाल में जातिवाद को बढावा नही मिलेगा और न बोलबाला होगा, वही भाजपा के नाम पर ग्रामीण किसान चार्चा के दौरान कहते है। बीजेपी पार्टी के शासन काल में जातिवाद गुंडागंदी कम सुनने को मिलता है। अगर बीजेपी मुख्यमंत्री चेहरा बदल दे तो भाजपा की राह आसान हो सकती है।
क्योकि प्रदेश सहित जिले के किसान ग्रामीण जनता पार्टी से नही शिवराज सिंह चौहान से नाराज है। क्योकि शिवराज ने प्रदेश की शिक्षा प्रणाली चौपट कर दी। गरीब के बच्चे शिक्षा से बंचित
होते जा रहे है।
यह रिपोर्ट एक किसान ने लिखकर भेजी है जो पत्रकार नहीं है, हम उसकी भावनाओं का सम्मान करते हुए शब्दश: प्रकाशित कर रहे हैं।