JAYS वाले RSS की तर्ज पर जनता को जोड़ रहे हैं, 80 सीटों पर कब्जे की रणनीति | mp news

भोपाल। एक गैर राजनैतिक और शायद गैर रजिस्टर्ड संगठन का नाम है जय आदिवासी युवा संगठन। इसे 'जयस' भी कहते हैं। पिछले दिनों जयस नेता डॉ. हीरा अलावा ने अपने संगठन के लोगों को चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया था। अब जयस के लोग आरएसएस की तर्ज पर 80 विधानसभाओं में जनता को जोड़ कर अपनी जीत पक्की कर रहे हैं।

राम मंदिर के लिए 1 ईंट 5 रुपए 
राम मंदिर आंदोलन के समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोगों ने मिलकर कुछ नए संगठन बनाए। आरएसएस के लोग आम जनता के बीच पहुंचे और अयोध्या में राम मंदिर के लिए सहयोग के नाम पर 1 ईंट और 5 रुपए की मांग की। इस तरह देश भर के लोगों से छोटा-छोटा योगदान दिया। नतीजा एक बड़ी रकम तो जमा हुई ही, बड़ी संख्या में लोग आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़ गए। 

आदिवासी ​अधिकारों के लिए 1 किलो अनाज 10 रुपए
ठीक इसी प्रकार चुनावी बेला में जय आदिवासी युवा संगठन के लोग उन 80 विधानसभाओं में लोगों के बीच जा रहे हैं जहां जयस समर्थित प्रत्याशी उतारे जाने वाले हैं। जयस के कार्यकर्ता आदिवासियों की लड़ाई के लिए 1 किलो अनाज और 10 रुपए की मांग कर रहे हैं। बताने की जरूरत नहीं कि जो परिवार 1 किलो अनाज और 10 रुपए देगा वो वोट किसी और को कतई नहीं देगा। 
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